चंडीगढ़, आठ अप्रैल (भाषा) पंजाब में विपक्षी दलों ने जालंधर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता मनोरंजन कालिया के आवास पर हुए विस्फोट को लेकर मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) नीत सरकार की आलोचना की और कहा कि यह कानून-व्यवस्था के पूरी तरह ध्वस्त हो जाने की भयावह याद दिलाता है। विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से नैतिक आधार पर इस्तीफा देने की मांग की।
विपक्षी नेताओं ने पंजाब सरकार पर अपनी ‘‘नाकामी और कर्तव्य के प्रति लापरवाही’’ से पल्ला झाड़ने का भी आरोप लगाया। पार्टियों ने दावा किया कि यह विस्फोट पंजाब पुलिस की खुफिया एजेंसियों के साथ-साथ पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और मान की ‘‘आपराधिक लापरवाही’’ के कारण हुआ।
केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने आरोप लगाया कि यह एक वरिष्ठ और हिंदू नेता के खिलाफ एक ‘‘सुनियोजित साजिश’’ प्रतीत होती है। प्रदेश भाजपा ने आप सरकार के खिलाफ कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया।
कालिया के जालंधर स्थित आवास पर सोमवार देर रात अज्ञात लोगों ने हथगोला फेंका, लेकिन घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। पुलिस ने बताया कि कालिया के आवास पर फेंके गए हथगोले के विस्फोट में एल्युमीनियम की दीवार (पार्टिशन), कांच की खिड़कियां, उनकी एसयूवी और एक मोटरसाइकिल क्षतिग्रस्त हो गई। कालिया जालंधर में शास्त्री मार्केट के पास स्थित अपने घर पर थे, जब रात करीब एक बजे विस्फोट हुआ।
पुलिस ने बाद में इस घटना के संबंध में दो लोगों को गिरफ्तार किया और कहा कि यह पंजाब में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्यों की साजिश थी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल और केंद्रीय मंत्री बिट्टू समेत कई नेता कालिया के आवास पर पहुंचे।
विस्फोट की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने इसकी कड़ी निंदा की और मान के इस्तीफे की मांग की।
चुग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘यह हिंसा का कोई अलग-थलग मामला नहीं है-यह पंजाब को अस्थिर करने, सांप्रदायिक अशांति को बढ़ावा देने और राजनीतिक आवाजों को डराने की एक बड़ी, खतरनाक साजिश का हिस्सा है। पुलिस खुफिया मुख्यालयों पर आरपीजी (‘रॉकेट प्रोपल्ड ग्रेनेड’) हमलों से लेकर पुलिस थानों पर ग्रेनेड हमलों तक, धार्मिक स्थलों पर बेअदबी की घटनाओं से लेकर बाबासाहेब डॉ बी आर आंबेडकर की मूर्तियों के तोड़-फोड़ की शर्मनाक घटनाओं तक- पंजाब को आतंक और अराजकता की अंधेरी गलियों में धकेला जा रहा है।’’
चुग ने कहा, ‘‘इससे भी बुरी बात गृह विभाग का कार्यभार संभाल रहे मुख्यमंत्री की चौंकाने वाली चुप्पी और निष्क्रियता है। पंजाब के लोगों के जीवन, संपत्ति और सम्मान की रक्षा करने में उनका बार-बार विफल रहना यह साबित करता है कि वे शासन करने के लिए अयोग्य हैं। भगवंत मान को नैतिक जिम्मेदारी लेकर तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। पंजाब शांति का हकदार है, दुष्प्रचार का नहीं।’’
बिट्टू ने आरोप लगाया कि यह एक वरिष्ठ और हिंदू नेता के खिलाफ ‘‘सुनियोजित साजिश’’ प्रतीत होती है। उन्होंने कहा, ‘‘कालिया के आवास पर हमला किया गया। उन्होंने (बदमाशों ने) उनके आवास पर ग्रेनेड फेंका। हम नक्सली इलाकों या श्रीनगर में ऐसी घटनाओं के बारे में सुनते थे। ये अब पंजाब में हो रही हैं।’’
बिट्टू ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कालिया से फोन पर बात की है।
केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि दिल्ली के आप नेताओं को भारी सुरक्षा मुहैया कराई गई है, लेकिन आप शासन में लोग सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।
भाजपा के प्रदेश प्रमुख सुनील जाखड़ ने भी विस्फोट की घटना के लिए आप सरकार की आलोचना की। उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले कुछ महीनों में विस्फोट की कुल 14 घटनाएं हुई हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मुख्यमंत्री और डीजीपी को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार मानता हूं। वे ऐसा कैसे होने दे सकते हैं।’’ जाखड़ ने कहा कि दोनों को इस्तीफा दे देना चाहिए।
जालंधर में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हर कोई कठपुतली बन गया है। चाहे भगवंत मान हो या डीजीपी, दिल्ली से आए लोग ही फैसले ले रहे हैं।’’
जाखड़ ने पंजाब पुलिस की खुफिया जानकारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने कभी नहीं देखा कि खुफिया जानकारी का इस्तेमाल राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत संवेदनशील मुद्दा है। यह एक सीमावर्ती राज्य है। मैं मान से कहना चाहता हूं कि वह पद छोड़ दें या दिल्ली के आप नेताओं से कहें कि वे वापस चले जाएं।’’
शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने भी मान से इस्तीफे की मांग की।
बादल ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘पंजाब में अराजकता ने सारी हदें पार कर दी हैं। पुलिस थानों, पूजा स्थलों पर हमलों और बाबा साहेब डॉ. बी आर आंबेडकर की प्रतिमाओं को तोड़े जाने की घटनाओं के बाद अब एक पूर्व मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता मनोरंजन कालिया के आवास पर ग्रेनेड हमला हुआ है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इन सभी घटनाओं से यह स्पष्ट हो गया है कि आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री भगवंत मान हालात को संभालने में असमर्थ हैं। मुख्यमंत्री को इन घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए और तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।’’
पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री पर निशाना साधा।
बाजवा ने कहा, ‘‘मनोरंजन कालिया के आवास पर ग्रेनेड हमला मुख्यमंत्री भगवंत मान के कार्यकाल में पंजाब में बढ़ती हिंसा की याद दिलाता है। उन्होंने जब से पद संभाला है, तब से मई 2022 में मोहाली आरपीजी हमला और 2024 के अंत में पुलिस थानों पर ग्रेनेड हमलों की श्रृंखला सहित कई विस्फोट हुए हैं। ये घटनाएं कानून और व्यवस्था बनाए रखने में एक बड़ी चूक को दर्शाती हैं। अगर मुख्यमंत्री भगवंत मान आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकते तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए।’’
भाषा आशीष माधव
माधव