भोपाल, 21 मार्च (भाषा) मध्यप्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को कांग्रेस के एक विधायक ने पुलिस उत्पीड़न का मुद्दा उठाया और न्याय की मांग करते हुए कहा कि वह ‘‘सरकार के पैरों में गिरने के लिए भी तैयार हैं।’’
विधायक ने उनके और उनके बेटे के खिलाफ ‘‘फर्जी’’ आपराधिक मामला दर्ज करने का भी आरोप लगाया।
विधायक की बातें सुनने के बाद चिकित्सा राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल भावुक हो गए और उन्होंने एक पुलिस अधिकारी को निलंबित करने तथा फर्जी मामला दर्ज करने के आरोपों की जांच की घोषणा की।
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठा। रीवा जिले के सेमरिया से कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने सदन में कहा कि उनके और उनके बेटे के खिलाफ 16 दिसंबर, 2022 को चोराहटा थाने में एक ‘फर्जी’’ प्राथमिकी दर्ज की गई।
मिश्रा ने सरकार से दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। कांग्रेस विधायक ने कहा कि वह ‘‘न्याय के लिए मंत्री के पैरों में गिरने’’ के लिए तैयार हैं। उन्होंने आग्रह अनसुना करने पर कुछ अवांछित कदम उठाने की चेतावनी दी।
चिकित्सा राज्य मंत्री पटेल ने कहा कि मामला एक विधायक के परिजनों से संबंधित है और निर्वाचित प्रतिनिधियों की प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए इसे हल करने के अन्य तरीके (इसे सार्वजनिक मामला बनाने के बजाय) हैं, इसके बाद भी मिश्रा पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे।
इसके बाद पटेल ने उन्हें आश्वासन दिया कि चोराहटा थाने के ‘टाउन इंस्पेक्टर’ को निलंबित कर दिया जाएगा और आरोपों की गहन जांच शुरू की जाएगी।
इससे पहले सदन में वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय सिंह ने कहा कि यह पुलिस उत्पीड़न का मामला है। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते कार्रवाई की गई होती तो हाल ही में मऊगंज में हिंसा नहीं होती।
मऊगंज में भीड़ के हमले में एक पुलिस अधिकारी और एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने कहा कि आदिवासी विधायक नारायण सिंह पट्टा भी इसी तरह के मामले का सामना कर रहे हैं।
बाद में ‘पीटीआई-भाषा’ से फोन पर बात करते हुए मिश्रा ने कहा कि पटेल सदन में भावुक हो गए क्योंकि हर व्यक्ति में करुणा के साथ-साथ क्षमा और दया की भावना भी होती है।
भाषा शफीक अविनाश
अविनाश