नयी दिल्ली, एक अप्रैल (भाषा) केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि देश ने वित्त वर्ष 2024-25 में 25 गीगावाट की अबतक की सबसे अधिक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ी है, जो एक साल पहले के मुकाबले 35 प्रतिशत अधिक है।
जोशी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में देश ने 18.57 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ी थी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ एक पोस्ट में इसे एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह स्थिरता के प्रति भारत के लोगों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
नवीनतम उपलब्ध आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 28 फरवरी, 2025 तक भारत की कुल गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित क्षमता 214.677 गीगावाट थी।
जोशी ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा में देश की उल्लेखनीय यात्रा का नेतृत्व सौर ऊर्जा ने किया, जो वित्त वर्ष 2024-25 में 38 प्रतिशत बढ़कर लगभग 21 गीगावाट हो गई।
उन्होंने कहा, ‘‘यह सौर ऊर्जा के लिए भी एक विशेष वर्ष रहा। हमने इस वर्ष प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 100 गीगावाट को पार कर लिया है।’’
मंत्री ने कहा कि सरकार परिवहन क्षेत्र और घरेलू परिवारों को कार्बन-मुक्त करने के लिए एक बड़ा कदम उठा रही है। इसके तहत परिवहन के लिए संपीड़ित बायोगैस को सीएनजी और घरों तक पाइप से पहुंचाई जाने वाली रसोई गैस के साथ मिलाने के लिए बायो सीएनजी की शुरुआत को अनिवार्य किया गया है।
इसकी शुरुआत एक अप्रैल, 2025 को एक प्रतिशत मिश्रण से होगी और वित्त वर्ष 2028-29 तक इसे पांच प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य है।
देश में सौर मॉड्यूल विनिर्माण क्षमता लगभग दोगुनी होकर मार्च, 2025 में लगभग 74 गीगावाट हो गई। देश में बैटरी विनिर्माण क्षमता भी लगभग तीन गुना बढकर 25 गीगावाट हो गई है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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