नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय करदाताओं के साथ रिकॉर्ड 174 अग्रिम मूल्य निर्धारण समझौते (एपीए) पर हस्ताक्षर किए गए।
द्विपक्षीय एपीए संभावित या वास्तविक दोहरे कराधान के खिलाफ सुरक्षा का अतिरिक्त लाभ प्रदान करते हैं।
एपीए योजना का उद्देश्य मूल्य-निर्धारण पद्धतियां निर्धारित कर और पांच वर्षों तक के लिए अग्रिम रूप से अंतरराष्ट्रीय लेनदेन की उचित कीमत तय कर हस्तांतरण मूल्य निर्धारण के क्षेत्र में इकाइयों को कर मामले में ‘निश्चितता’ प्रदान करना है।
आयकर विभाग के प्रशासनिक निकाय सीबीडीटी ने बयान में कहा कि उसने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान भारतीय करदाताओं के साथ रिकॉर्ड 174 एपीए पर हस्ताक्षर किए हैं।
इनमें एकपक्षीय एपीए (यूएपीए), द्विपक्षीय एपीए (बीएपीए) और बहुपक्षीय एपीए (एमएपीए) शामिल हैं।
बोर्ड ने कहा कि यह एपीए की शुरुआत के बाद से एक वित्त वर्ष में हस्ताक्षरित एपीए की ‘सबसे अधिक संख्या’ है।
इसने वित्त वर्ष 2023-24 में 125 एपीए और 2022-23 में 95 एपीए पर हस्ताक्षर किए थे।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, फ्रांस, जापान और जर्मनी जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं ने चालू वित्त वर्ष के दौरान किसी भी एपीए पर हस्ताक्षर नहीं किए, जबकि अमेरिका ने 142 ऐसे समझौते किए।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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