नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) की गणतंत्र दिवस की झांकी में बैंकिंग सेवाओं के विकास को दर्शाया गया।
विभाग ने इसके तहत बैंकिंग सेवाओं के आधुनिकीकरण पर प्रकाश डाला, जिससे आर्थिक रूप से मजबूत और समावेशी राष्ट्र के लिए आर्थिक सशक्तीकरण और ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिला।
झांकी के आधिकारिक विवरण में कहा गया कि इसमें भारत की समृद्ध विरासत को एक दूरदर्शी डिजिटल अर्थव्यवस्था के साथ मिलाने में उल्लेखनीय प्रगति को दर्शाया गया है।
झांकी में कई पहल के जरिये नागरिकों, विशेष रूप से बैंकिंग सेवाओं से वंचित समुदायों के वित्तीय सशक्तीकरण पर जोर दिया गया है।
झांकी में सामने की ओर घूमता हुआ सुनहरा सिक्का भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था, नवोन्मेषण और समावेशी प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है। एटीएम का इस्तेमाल करती एक महिला ने बैंकिंग सेवाओं के विस्तार का संकेत दिया।
यूपीआई प्रतीक की ओर जाने वाला तीर भारत के नयी प्रौद्योगिकी को तेजी से अपनाने का प्रतीक है।
पीछे के हिस्से में, एक जटिल रूप से डिजाइन की गई पोटली है, जो धन, समृद्धि और भारत की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है।
झांकी के किनारों पर लगी एलईडी स्क्रीन ने वित्तीय साक्षरता के महत्व पर जोर देने वाले दृश्य दिखाए।
इस एलईडी स्क्रीन के जरिये प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई), प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), स्टैंडअप इंडिया (एसयूपीआई) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) जैसी योजनाओं को दर्शाया गया।
भाषा पाण्डेय अजय
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