नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कहा है कि बिक्री प्रोत्साहन के लिए शोरूम पर प्रदर्शित किए जाने वाले वाहनों पर वाहन डीलर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा कर सकते हैं।
हालांकि, सीबीआईसी ने यह साफ किया है कि अगर डीलर कारोबार के दौरान अपने खुद के उद्देश्य के लिए डेमो कारों का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें कोई आईटीसी लाभ नहीं मिलेगा।
कारों की बिक्री पर 28 प्रतिशत जीएसटी के साथ ही लागू उपकर भी लगाया जाता है।
अधिकृत वाहन डीलरों को डीलरशिप मानदंडों के अनुरूप अपने शोरूम पर डेमो वाहनों को प्रदर्शित करना जरूरी है। ऐसा संभावित ग्राहकों को वाहन की खूबियों के बारे में दर्शाने और उन्हें चलाकर देखने का मौका देने के लिए जरूरी होता है।
इन वाहनों को अधिकृत डीलर वाहन विनिर्माता कंपनियों से कर चालान के एवज में खरीदते हैं और आमतौर पर अधिकृत डीलरों के बही-खातों में उन्हें पूंजीगत संपत्ति के रूप में दिखाया जाता है।
वाहन डीलर इन वाहनों को कुछ अनिवार्य अवधि के लिए डेमो वाहन के रूप में रखते हैं और फिर उन्हें लिखित मूल्य पर बेच सकते हैं और उस समय लागू कर देय होगा।
सीबीआईसी ने एक परिपत्र में कहा, ‘‘डेमो वाहनों को अधिकृत डीलर अपने बही-खातों में दर्शाते हैं, उक्त वाहन ‘पूंजीगत सामान’ की परिभाषा में आता है। जीएसटी कानून के तहत पूंजीगत उत्पाद का उपयोग होता है या उसके इस्तेमाल का इरादा है, तो कानून के अन्य प्रावधानों के अधीन इस पर आईटीसी का दावा किया जा सकता है।’’
हालांकि, सीबीआईसी ने कहा कि अगर अधिकृत वाहन डीलर डेमो वाहनों का उपयोग बिक्री से इतर उद्देश्यों के लिए करता है तो उसपर आईटीसी का लाभ नहीं मिलेगा।
लेखा सलाहकार फर्म मूर सिंघी के कार्यकारी निदेशक रजत मोहन ने कहा कि ये डेमो वाहन अन्य वाहनों की बिक्री बढ़ाने में योगदान करते हैं, लिहाजा उन्हें ऐसे मोटर वाहनों की ‘आगे की आपूर्ति’ के लिए उपयोग किए जाने के रूप में उचित रूप से वर्गीकृत किया जा सकता है। नतीजतन, डेमो वाहनों पर आईटीसी का लाभ मिलेगा।
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