वाराणसी (उप्र), 17 अप्रैल (भाषा) वाराणसी में 19 वर्षीय युवती से कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
कई आरोपियों के परिजनों द्वारा ज्ञापन दिए जाने के बाद पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने पीड़िता के आरोपों और आरोपियों के परिजनों के दावों की जांच के लिए यह एसआईटी गठित की है जिसमें पुलिस उपायुक्त, अपर पुलिस उपायुक्त, अपराध शाखा और ‘सर्विलांस सेल’ के अधिकारी शामिल हैं।
पुलिस आयुक्त ने इस मामले में निष्पक्ष जांच और किसी के साथ अन्याय न होने देने का भरोसा दिलाया। इस घटना में 23 नामजद आरोपियों में से 14 पहले से ही पुलिस हिरासत में हैं।
सामूहिक दुष्कर्म मामले में आरोपियों के परिजनों ने पुलिस को ज्ञापन सौंपकर लड़की पर इस मुकदमे से नाम हटाने के लिए रुपये मांगने का आरोप लगाया गया है। परिजनों ने कई साक्ष्य प्रस्तुत कर इस मामले में पीड़िता को ही संदिग्ध बताया है।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि बृहस्पतिवार को आरोपियों के परिजनों और कई सामाजिक संगठनों ने पुलिस को ज्ञापन सौंपा जिसमें आरोप लगाया कि जिस अवधि में पीड़िता सामूहिक दुष्कर्म होने की बात कह रही है, उस अवधि में उसने सोशल मीडिया मंच ‘इंटाग्राम’ पर हंसते हुए घूमने-फिरने का वीडियो पोस्ट किया है।
उन्होंने बताया कि परिजनों का आरोप है कि इसके अलावा, सीसीटीवी के एक फुटेज में पीड़िता मोटरसाइकिल पर घूमते हुए दिखाई दे रही है।
मोहित अग्रवाल के मुताबिक, ‘‘आरोपियों के परिजनों का कहना है जब लड़की के साथ कुल 23 लोगों ने इतने दिनों तक दुष्कर्म किया तो उसके शरीर पर चोट के निशान क्यों नहीं हैं? वहीं अदालत में लड़की ने केवल नौ लोगों को आरोपी बनाया है। परिजन आरोप लगा रहे हैं कि पीड़िता ने कुछ लोगों से रुपये लेकर उनका नाम हटा दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस ने जब पीड़िता को बरामद किया तब उसने दुष्कर्म की बात नहीं बताई और न ही वह अपने घर जाना चाह रही थी। किसी तरह पुलिस के समझाने पर वह घर गयी।’’
पुलिस आयुक्त ने कहा, ‘‘पीड़िता के आरोपों और आरोपियों के परिजनों के दावों की जांच के लिए एक एसआईटी गठित की है जो 30 दिन के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।’’
भाषा सं राजेंद्र खारी
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