(तस्वीरों के साथ)
वायनाड (केरल), एक अगस्त (भाषा) लोकसभा में विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को अपनी बहन प्रियंका गांधी वाद्रा के साथ वायनाड के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और कहा कि वह उन लोगों को देखकर ‘बेहद दुखी’ हैं जिन्होंने भीषण भूस्खलन में अपने परिजनों और घरों को खोया है।
उन्होंने इसे ‘‘राष्ट्रीय आपदा’’ करार दिया तथा तत्काल समग्र कार्ययोजना की मांग की।
वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने कहा कि यह ‘‘वायनाड, केरल और देश के लिए भयावह त्रासदी है।’’
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम यहां स्थिति देखने आए हैं। यह काफी दर्दनाक है कि लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों और घरों को खो दिया है। इन परिस्थितियों में लोगों से बात करना बहुत मुश्किल है क्योंकि वास्तव में आपको पता नहीं होता कि उनसे क्या कहना है। यह मेरे लिए काफी मुश्किल दिन रहा है, लेकिन हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि पीड़ितों को उनका हक मिले।’’
उन्होंने सवालों के जवाब में कहा, ‘‘मेरे लिए तो यह निश्चित रूप से एक राष्ट्रीय आपदा है, लेकिन देखते हैं कि सरकार क्या कहती है।’’
राहुल गांधी और उनकी बहन एवं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने वायनाड के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र चूरलमाला का दौरा किया।
वाद्रा ने भी ऐसी ही बातें कहीं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों का दर्द अकल्पनीय है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम उनकी मदद करने और यथासंभव उनका साथ तथा सांत्वना देने के लिए यहां आए हैं।’’
दोनों भाई -बहन ने कहा कि ज्यादातर प्रभावित लोग वापस नहीं जाना चाहते हैं एवं उनकी इच्छा है कि कहीं और उनका पुनर्वास कराया जाए।
राहुल गांधी ने उम्मीद जतायी कि सरकार लोगों की इच्छा को ध्यान में रखेगी। वाद्रा ने कहा, ‘‘ हमें सुरक्षित क्षेत्र में उनका पुनर्वास करने के लिए कोई समाधान सोचना होगा।’’
दोनों भाई-बहन यहां चूरलमाला क्षेत्र का और मेप्पाडी स्थित एक अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तथा दो राहत शिविरों का दौरा करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।
गांधी ने कहा कि वह अब भी वैसा ही महसूस कर रहे हैं जैसा उनके पिता की मृत्यु के समय हुआ था।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे याद है कि जब मेरे पिता की मृत्यु हुई थी, तब मुझे कैसा महसूस हुआ था। यहां लोगों ने न केवल अपने पिता को खोया है, बल्कि उन्होंने अपने पूरे परिवार को खो दिया है। मैं जानता हूं कि मैंने क्या महसूस किया है और यह उससे भी कहीं अधिक बुरा है। यह एक व्यक्ति की बात नहीं है जो इसे महसूस कर रहा है। यह हजारों लोग हैं जो इसे महसूस कर रहे हैं। इसलिए, यह बहुत ही दुखद है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम सभी को इन लोगों के प्रति सम्मान और स्नेह दिखाना चाहिए और हम सभी को उनके साथ खड़ा होना चाहिए। मुझे बहुत गर्व है कि बहुत सारे लोग वायनाड के लोगों के साथ खड़े हैं। पूरे देश का ध्यान वायनाड की ओर है और मुझे यकीन है कि देश के लोग वायनाड की मदद करेंगे।’’
भूस्खलन में हुई जानमाल की हानि के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराने संबंधी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की हालिया टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा ,‘‘यहां लोगों को मदद की ज़रूरत है। अभी समय है यह सुनिश्चित करने का कि उन्हें वह सारी सहायता मिले जिसकी उन्हें ज़रूरत है। यहां ऐसे लोग हैं जो सदमे में हैं। उन्हें चिकित्सा सहायता की ज़रूरत है। मुझे लगता है कि हमें इन चीज़ों पर चर्चा करनी चाहिए। मुझे अभी राजनीति के बारे में बात करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।’’
भूस्खलन स्थल का दौरा करने के बाद गांधी ने फेसबुक पर लिखा कि आपदा एवं त्रासदी का दृश्य देखकर उन्हें काफी दुख हुआ।
उन्होंने लिखा, ‘‘इस मुश्किल घड़ी में, प्रियंका और मैं वायनाड के लोगों के साथ खड़े हैं। हम राहत, बचाव और पुनर्वास प्रयासों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाए। यूडीएफ (संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा-केरल का विपक्षी गठबंधन) हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘भूस्खलन और प्राकृतिक आपदाओं की बार-बार हो रही घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं। एक व्यापक कार्ययोजना की तत्काल आवश्यकता है।’’
चूरलमाला पहुंचने के बाद बारिश एवं कीचड़ के बावजूद नीले रंग का पारदर्शी रेनकोट पहने गांधी और उनकी बहन ने वहां बनाए गए लकड़ी के अस्थायी पुल को पार किया, ‘बेली’ पुल का निर्माण देखा तथा हालात का जायजा लिया।
कांग्रेस ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी जी ने वायनाड के चूरलमाला का दौरा किया जहां विनाशकारी भूस्खलन की वजह से अनेक लोगों की मौत हो गई और अनेक परिवार बर्बाद हो गए।’’
पार्टी ने इन नेताओं के दौरे की तस्वीरें भी ‘एक्स’ पर पोस्ट कीं।
राहुल और प्रियंका डॉ. मूपेन मेडिकल कॉलेज और मेप्पाडी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे जहां शवों को रखा गया है।
दोनों ने वहां पीड़ित परिवारों से बातचीत की।
पार्टी महासचिव एवं अलप्पुझा से सांसद के सी वेणुगोपाल तथा कई अन्य कांग्रेस नेता भी दोनों के साथ थे।
गांधी ने 2019 में वायनाड लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीता था। हाल के लोकसभा चुनाव में उन्होंने फिर वायनाड से जीत दर्ज की। इसके साथ-साथ वह उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से भी विजयी हुए। ऐसे में उन्होंने वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से जून में इस्तीफा दे दिया जहां उपचुनाव होने पर प्रियंका के चुनाव लड़ने की उम्मीद है।
इससे पहले, राहुल और प्रियंका सुबह साढ़े नौ बजे कन्नूर हवाई अड्डे पर उतरे तथा फिर सड़क मार्ग से वायनाड पहुंचे।
वायनाड जिले में मंगलवार की सुबह मूसलाधार बारिश के कारण बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन ने मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा बस्तियों को तबाह कर दिया जिसमें अब तक महिलाओं और बच्चों सहित 190 लोगों की मौत हो चुकी है।
भाषा
राजकुमार पवनेश
पवनेश