मुंबई, पांच अगस्त (भाषा) बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे ने एक पत्र में दावा किया है कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने उन पर कई ‘‘अवैध काम’’ करने के लिए दबाव डाला था।
वाजे ने यह भी आरोप लगाया है कि देशमुख ने कई बार उनसे कहा था कि यह काम ‘‘पवार साहेब’’ की तरफ से बताए गए हैं।
जेल में बंद वाजे ने सोमवार को एमपी/एमएलए अदालत के विशेष न्यायाधीश ए.यू. कदम को 30 जुलाई को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखे पत्र के बारे में जानकारी दी।
वाजे ने पत्र में दावा किया, ‘‘अनिल देशमुख के कार्यकाल में गृह विभाग का काम का स्तर सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। मैं भी इसका शिकार हूं। देशमुख के दबाव में मुझे कई गैरकानूनी काम करने पड़े, जो मेरे जैसे अधिकारी को नहीं करने चाहिए थे। कई मामलों में देशमुख कहते थे कि यह काम पाटिल साहब की तरफ से आया है।’’
वाजे ने जेल से लिखे पत्र में दावा किया, ‘‘मैंने (देशमुख से) यह पूछने की हिम्मत नहीं की कि वास्तव में ‘पवार साहेब’ कौन हैं।’’
उनके पत्र में दावा किया है कि देशमुख ने ‘‘बड़े पवार साहेब’’ और ‘‘पाटिल साहेब’’ के नाम पर कई लोगों पर दबाव डाला।
पत्र में आरोप लगाया है, ‘‘उनके समूह ने पुलिस अधिकारियों के तबादलों और पदोन्नति के एवज में करोड़ों रुपये एकत्र किए।’’
वाजे ने पत्र में दावा किया कि अपराध खुफिया इकाई में अपने कार्यकाल के दौरान, उनकी टीम ने शहर में विभिन्न हुक्का पार्लर पर अब तक की सबसे बड़ी छापेमारी की थी।
वाजे ने पत्र में आरोप लगाया, ‘‘हमने भारत में सबसे बड़े अवैध हुक्का वितरक को पकड़ लिया और उसके गोदाम को सील कर दिया। उस समय, मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने के बजाय, पूर्व मंत्री जयंत पाटिल ने मुझे किसी और को गिरफ्तार करने का आदेश दिया।’’
भाषा शफीक दिलीप
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