लखनऊ, 20 मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘इन्वेस्ट यूपी’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एवं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों में बृहस्पतिवार को निलंबित कर दिया। यह जानकारी अधिकारियों ने यहां दी।
अधिकारियों ने बताया कि इसी मामले में शामिल एक बिचौलिए को गिरफ्तार भी किया गया है।
साल 2006 बैच के आईएएस अधिकारी प्रकाश को सौर उद्योग के एक निवेशक द्वारा एक शिकायत दर्ज कराने के बाद निलंबित किया गया। शिकायत में निवेशक ने आरोप लगाया था कि बिचौलिये निकंत जैन ने उससे प्रकाश के नाम पर परियोजना की मंजूरी के लिए कमीशन की मांग की थी। जैन को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया।
‘इन्वेस्ट यूपी’ राज्य की निवेश संवर्द्धन और सुविधा एजेंसी है, जिसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश में निवेश को आकर्षित करना और सुविधा प्रदान करना है। प्रकाश इसके सीईओ के रूप में कार्यरत थे।
अधिकारियों ने बताया कि जैन को ‘इन्वेस्ट यूपी’ के अधिकारियों की मदद से एक उद्यमी के प्रस्ताव को मंजूरी दिलाने के लिए उससे कथित तौर पर पैसे मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
निकंत जैन (40) के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करके गोमती नगर इलाके से उसे गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने बताया कि पर्याप्त सुबूतों के आधार पर निकंत जैन को गोमती नगर में हुसड़िया चौकी के शहीद पथ के पास से गिरफ्तार किया गया।
प्राथमिकी के अनुसार एक औद्योगिक समूह ने ‘इन्वेस्ट यूपी’ के माध्यम से राज्य में एक सौर विनिर्माण इकाई स्थापित करने के लिए आवेदन किया था। इसके अनुसार मामले की समीक्षा एक मूल्यांकन समिति द्वारा की गई, जिसके बाद ‘इन्वेस्ट यूपी’ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आवेदक को जैन से संपर्क करने को कहा।
प्राथमिकी के अनुसार जैन ने कथित तौर पर अधिकार प्राप्त समिति और राज्य मंत्रिमंडल से अनुमोदन की सुविधा के लिए पांच प्रतिशत कमीशन (रिश्वत) की मांग की और आवेदक पर अग्रिम भुगतान करने का दबाव बनाया।
प्राथमिकी के अनुसार जब आवेदक ने ऐसा करने से इनकार किया तो जैन ने कथित तौर पर चेतावनी दी कि उसकी मदद के बिना परियोजना आगे नहीं बढ़ेगी।
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक जैन का धोखाधड़ी और वित्तीय अपराधों का इतिहास है और मेरठ, लखनऊ और एटा में उनके खिलाफ कई मामले लंबित हैं।
अधिकारी जैन की अन्य धोखाधड़ी गतिविधियों में संभावित भागीदारी की जांच कर रहे हैं।
पुलिस ने कहा कि जैन से जुड़े अधिकारियों या व्यक्तियों की पहचान करने के लिए जांच जारी है।
सरकार ने आश्वासन दिया है कि शिकायतकर्ता की निवेश परियोजना को अनावश्यक देरी के बिना मंजूरी दी जाएगी, जिससे भ्रष्टाचार मुक्त निवेश तंत्र के प्रति उसकी प्रतिबद्धता मजबूत होगी।
भाषा अभिनव सलीम अमित
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