वक्फ ‍विधेयक से आस्था को खतरा नहीं बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता की संवैधानिक गारंटी: नकवी |

Ankit
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रामपुर (उप्र), छह अप्रैल (भाषा) पूर्व केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को कहा कि वक्फ में सुधार आस्था के लिए खतरा नहीं है, बल्कि यह प्रशासनिक पारदर्शिता की संवैधानिक गारंटी है।


भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम का उद्देश्य कानून के भीतर भ्रम, विरोधाभास और टकराव को दूर करना है।

भाजपा के 46वें स्थापना दिवस के अवसर पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नकवी ने कहा कि ‘‘सांप्रदायिक गिरोह’’ और ‘‘षड्यंत्रकारियों का जमावड़ा’’ अपने ‘‘सांप्रदायिक उन्माद’’ के जरिए लोगों को राजनीतिक रूप से गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।

उन्होंने कहा कि वक्फ अधिनियम संसद का कानून था और संसद ने ही इसमें सुधार किया है।

नकवी ने कहा कि कुछ लोग भूमि से संबंधित कानून को ‘आसमान की किताब में लिखे शब्द’ कह रहे हैं, क्योंकि वे नहीं चाहते कि उनकी सांप्रदायिक अराजकता को संवैधानिक दायरे में लाया जाए।

भाजपा नेता ने कहा कि सांप्रदायिक मतभेदों के चलते संवैधानिक सुधारों को ठप नहीं किया जा सकता।

नकवी ने कहा, “वक्फ सुधार न तो आस्था के लिए खतरा है और न ही इस्लाम के लिए नुकसानदेह है। यह सुधार प्रशासनिक पारदर्शिता और मौजूदा वक्फ प्रशासन को मजबूत करने की संवैधानिक गारंटी है।’

भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि जो लोग संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान ‘तर्कों के अभाव’ से जूझ रहे थे, वे अब सड़कों पर गुंडागर्दी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक संवैधानिक सुधार पर सांप्रदायिक और राजनीतिक हमले करने वाले ‘हिस्ट्रीशीटर’ समाज में सद्भाव को बिगाड़ने की साजिश में लगे हुए हैं।

नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने विभिन्न आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक और प्रशासनिक सुधारों के माध्यम से सर्वव्यापी सशक्तीकरण सुनिश्चित किया है।

इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मंत्री बलदेव सिंह औलख, जिला पंचायत अध्यक्ष ख्याली राम लोधी, पूर्व राज्य मंत्री शिव बहादुर सक्सेना, भाजपा के रामपुर जिला अध्यक्ष हरीश गंगवार व विधायक आकाश सक्सेना शामिल थे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को अपनी मंजूरी दे दी, जिसे पिछले सप्ताह संसद ने तीखी चर्चा के बाद पारित किया था।

भाषा

नोमान प्रशांत

प्रशांत



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