नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) जलवायु परिवर्तन लक्जरी गुड्स यानी महंगे उत्पादों के उद्योग के लिए एक बड़ी चुनौती है और कंपनियों को इस मुद्दे को हल करने के लिए पर्यावरण-अनुकूल तरीके अपनाने की जरूरत है। उद्यमियों और विशेषज्ञों ने यह राय जताई है।
उन्होंने कहा कि लक्जरी उद्योग टिकाऊपन को इस महंगे कारोबार वाले क्षेत्र के भविष्य के रूप में देखता है। जो कंपनियां पारिस्थितिकी को प्राथमिकता देती हैं, उन्हें दीर्घावधि में इसका फायदा होगा।
उद्यमियों और विशेषज्ञों ने यहां ‘सस्मृति -द रेस्पॉन्सिबल लक्जरी राउंडटेबल’ में कहा कि जलवायु परिवर्तन आज हम सभी पर प्रभाव डाल रहा है और लोगों एवं कंपनियों द्वारा पर्यावरण को लेकर जागरूकता और जिम्मेदारी भरी कार्रवाई से पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था दोनों को मदद मिल सकती है।
इस विचार-विमर्श का आयोजन लक्जरी फैशन ब्रांड ‘आशा गौतम’ के सह-मालिक गौतम गुप्ता और श्वेता ठाकुर नंदा ने किया था।
समारोह को संबोधित करते हुए ब्लॉसम कोचर ग्रुप ऑफ कंपनीज की चेयरपर्सन ब्लॉसम कोचर ने कहा कि उद्योग को न केवल अपने लिए बल्कि हमारी भावी पीढ़ियों के लिए भी पर्यावरण-अनुकूल दृष्टिकोण के साथ काम करना चाहिए।
लिपिका सूद इंटीरियर्स की संस्थापक निदेशक लिपिका सूद ने भी इसी तरह के विचार साझा करते हुए कहा कि वास्तविक प्रभाव व्यवसायों, डिजाइनर, नीति-निर्माताओं और उपभोक्ताओं के बीच स्थिता से जुड़े व्यवहार के प्रति सहयोग से आएगा।
इस मौके पर नंदा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन तेजी से स्पष्ट होने के साथ, लक्जरी उद्योग एक बड़े बदलाव से गुजर रहा है। लक्जरी उद्योग धीरे-धीरे जिम्मेदार, स्थिर और नवोन्मेषी बन रहा है।
भाषा अजय अजय प्रेम
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