नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) फ्रांसीसी वाहन कंपनी रेनो ने सोमवार को कहा कि वह अपने भारतीय संयुक्त उद्यम में अपने जापानी साझेदार निसान की हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी।
कंपनी ने बयान में कहा कि रेनो समूह निसान के पास वर्तमान में मौजूद 51 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करके रेनो निसान ऑटोमोटिव इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (आरएनएआईपीएल) का 100 प्रतिशत स्वामित्व हासिल कर लेगा।
हालांकि, कंपनी ने इस हिस्सेदारी अधिग्रहण से संबंधित वित्तीय विवरण का खुलासा नहीं किया।
रेनो समूह और निसान ने इस आशय का एक शेयर खरीद समझौता किया है।
इस समझौते में रेनो समूह और निसान के बीच मौजूदा परियोजनाएं जारी रखने और भारत में दोनों कंपनियों के भावी संबंधों को परिभाषित करने के लिए एक परिचालन समझौता भी शामिल है।
बयान के मुताबिक, निसान आने वाले वर्षों में भारत के लिए वाहनों के निर्माण एवं निर्यात के लिए आरएनएआईपीएल का उपयोग करना जारी रखेगी।
कंपनी ने कहा कि आरएनएआईपीएल नई मैग्नाइट समेत निसान के नए मॉडल का उत्पादन जारी रखेगी। यह कंपनी की भविष्य की विस्तार योजनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में काम करेगा।
इस समझौते के मुताबिक, रेनो समूह और निसान संयुक्त रूप से काम करना आगे भी जारी रखेंगे।
समझौते के तहत रेनो समूह इलेक्ट्रिक वाहन ब्रांड एम्पीयर के माध्यम से 2026 से निसान के लिए एक वाहन का विकास एवं उत्पादन करेगा। इस मॉडल को निसान द्वारा डिजाइन किया जाएगा।
रेनो समूह के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) लुका डी मेओ ने बयान में कहा, ‘‘दोनों पक्षों के लिए लाभदायक यह मसौदा समझौता नए गठबंधन की चुस्त और कुशल मानसिकता को दर्शाता है। यह अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हमारा कारोबार को बढ़ाने की महत्वाकांक्षा की भी पुष्टि करता है।’’
बयान के मुताबिक, लेनदेन पूरा होने के बाद आरएनएआईपीएल को रेनो समूह के एकीकृत वित्तीय विवरणों में 100 प्रतिशत पर समायोजित किया जाएगा।
निसान के आगामी अध्यक्ष एवं सीईओ इवान एस्पिनोसा ने कहा, ‘‘भारत हमारे शोध एवं विकास, डिजिटल और अन्य ज्ञान-आधारित सेवाओं के लिए एक केंद्र बना रहेगा। भारतीय बाजार में नए एसयूवी मॉडल लाने की हमारी योजनाएं कायम हैं और हम भारत के लिए बने वाहनों का अन्य बाजारों में निर्यात भी जारी रखेंगे।’’
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