रेड्डी परिवार ने गावस्कर से मुलाकात की, मुत्यालु ने ‘डीएसपी सिराज’ को धन्यवाद दिया

Ankit
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(कुशान सरकार)


मेलबर्न, 29 दिसंबर (भाषा) भारत के नए क्रिकेट हीरो नितीश कुमार रेड्डी के पिता मुत्यालु रेड्डी उस समय अभिभूत हो गए जब उन्होंने आधिकारिक प्रसारणकर्ता के बॉक्स में ले जाए जाने के बाद अपने बचपन के नायक सुनील गावस्कर के पैर छुए।

इक्कीस वर्षीय नितीश द्वारा अपना पहला टेस्ट शतक बनाने के एक दिन बाद गावस्कर ने रेड्डी परिवार से मुलाकात की। अब एक सम्मानित विश्लेषक और कमेंटेटर महान बल्लेबाज गावस्कर ने रेड्डी परिवार से कहा कि उनके प्रयासों के कारण भारतीय क्रिकेट को एक ‘रत्न’ मिला है।

यहां तक ​​कि ‘लिटिल मास्टर’ के नाम के मशहूर गावस्कर भावनाओं में बह गए और उन्होंने परिवार को अपना आशीर्वाद दिया। इस मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

मुत्यालु ने पीटीआई से बात करते हुए बताया कि जब नितीश 99 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे और नौवां विकेट गिर गया तो परिवार कितना तनाव में था।

मुत्यालु ने विशेष बातचीत के दौरान कहा, ‘‘जब सिराज बल्लेबाजी करने आए तो मैं थोड़ा तनाव में था। वह कैसे खेलेंगे, वह आउट हो सकते हैं। सिराज भाई का शुक्रिया, उन्होंने तीन खाली गेंद खेलीं और मेरे बेटे का साथ दिया। डीएसपी सर का शुक्रिया।’’

सिराज ने पैट कमिंस का डटकर सामना किया जिसके बाद नितीश ने अपना शतक पूरा किया।

मुत्यालु ने तेलुगु में कहा, ‘‘नितीश पहली बार ऑस्ट्रेलिया आए हैं और हम भी पहली बार ऑस्ट्रेलिया आए हैं। जब हम स्टैंड में थे तब उन्होंने शतक बनाया। मुझे उन पर बहुत गर्व है। माता-पिता के रूप में हम सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।’’

नितीश की बहन तेजस्वी भी बातचीत में शामिल हुईं और उन्होंने अपने पिता को सवालों का अनुवाद करके उनकी मदद भी की।

तेजस्वी ने कहा, ‘‘उन्होंने हमारे से वादा किया था कि वह हम सभी को गौरवांवित करेंगे। मुझे विश्वास था लेकिन कहीं न कहीं तनाव भी था क्योंकि बुमराह भाई का विकेट गिर गया था लेकिन उन्होंने कर दिखाया।’’

उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उनके माता-पिता ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करने में बहुत सहज नहीं थे।

तेजस्वी ने कहा, ‘‘शुरुआत में मेरे माता-पिता भाषा की बाधा के कारण झिझक रहे थे लेकिन आप उन लम्हों से चूकना नहीं चाहते। मेरे चाचा भी यहीं रहते हैं। इसलिए हमने फैसला किया कि हम साथ रह सकते हैं और कुछ पारिवारिक समय बिता सकते हैं।’’

इस वर्ष की शुरुआत में जब नितीश को टी20 टीम में चुना गया तो उन्होंने अपने पिता की कठिनाइयों को याद किया और शतक बनाने के बाद मुत्यालु के सम्मान में ‘सलार’ के प्रभास की शैली में घुटने पर बैठ गए।

तेजस्वी ने कहा, ‘‘ये सब खुशी के आंसू थे। जब भी मेरे पिता उसे देखते हैं तो उन्हें वह यात्रा याद आती है। वह उसे हर दिन मैदान पर ले जाते थे, सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करते थे।’’

उज्बेकिस्तान में मेडिसिन की पढ़ाई कर रही तेजस्वी ने कहा, ‘‘मेरे पिता कभी अपने लिए नहीं बल्कि सिर्फ नितीश के लिए खाना लेकर जाते थे। वह अभ्यास के अंत तक मैदान पर ही रहते थे। मेरे पिता ने मेरे भाई के लिए इसी तरह का प्रयास और त्याग किया है।’

नितीश ने 114 रन की अपनी आक्रामक पारी में दृढ़ निश्चय दिखाया और रूस युद्ध से पहले यूक्रेन में पढ़ने वाली उनकी बहन ने कहा कि उसने यह अपने माता-पिता से सीखा है।

तेजस्वी ने कहा, ‘‘उसके पास जो भी ताकत है, वह सिर्फ खेल के दिग्गजों से नहीं बल्कि हमारी मां (शर्मिला) से भी है। वह हम सभी से पहले उठती थीं और उन्होंने सुनिश्चित किया कि नितीश को क्रिकेट के लिए यात्रा करते समय या घर पर रहने के दौरान कभी कोई परेशानी नहीं हो।’’

तो नितीश का पसंदीदा भोजन क्या है? पहली बार, मां के चेहरे पर बड़ी मुस्कान थी।

नितीशी की मां ने कहा, ‘‘उसे सभी प्रकार के मांसाहारी भोजन पसंद हैं। उसे मछली बहुत पसंद है और उसका पसंदीदा मटन गोंगुरा (एक बहुत ही मसालेदार आंध्र शैली की करी) है।’’

मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में यादगार टेस्ट शतक नितीश के लिए जीवन बदलने वाला है लेकिन उनकी बहन को पूरा भरोसा है कि उनके पैर जमीन पर टिके रहेंगे।

तेजस्वी ने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो, वह मानसिक रूप से इसके लिए तैयार है। हमें उसे जमीन पर पैर टिकाए रखने के लिए कहने की जरूरत नहीं है। उसने सब कुछ देखा है। वह क्रिकेट में आने वाला कोई अमीर आदमी नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वह ऐसी पृष्ठभूमि से आया है जहां क्रिकेट (पेशेवर रूप से) खेलना असंभव था, भारतीय टीम के लिए चुने जाने की तो बात ही छोड़िए।’’

तेजस्वी ने कहा, ‘‘वह एक साधारण पृष्ठभूमि से आया है और वह सब कुछ जानता है। बेशक, परिवार हमेशा उसके आसपास रहेगा। हमारे पिता सुझाव देंगे कि उसे कैसा होना चाहिए, उसे किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। मुझे यकीन है कि ये सभी बातें हमेशा उससे कही जाएंगी।’’

भाषा सुधीर पंत

पंत



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