रेखा गुप्ता के मुख्यमंत्री बनने के लिए युवक 22 दिनों से लगातार खड़े होकर कर रहा पूजा

Ankit
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जींद (हरियाणा), 20 फरवरी (भाषा) हरियाणा के जींद जिले के एक गांव में 24 वर्षीय एक युवक दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार रेखा गुप्ता की जीत और बाद में उनके मुख्यमंत्री बनने के लिए पिछले 22 दिनों से 24 घंटे खड़े होकर लगातार पूजा-अर्चना कर रहा है। गांव के निवासियों ने यह दावा किया है।


नंदगढ़ गांव के ग्रामीणों ने कहा कि भगवान ने प्रवीण की प्रार्थना सुन ली और रेखा गुप्ता को दिल्ली की मुख्यमंत्री बना दिया गया। वहीं, प्रवीण ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह अगले 19 दिनों तक अपना तप जारी रखेगा और इसके समापन के मौके पर गांव में जागरण (धार्मिक आयोजन) कराया जाएगा।

छात्र जीवन से राजनीति में कदम रखने वाली एवं पहली बार की विधायक रेखा गुप्ता ने बृहस्पतिवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

हरियाणा में जींद के जुलाना क्षेत्र का नंदगढ़ गांव रेखा गुप्ता का पुश्तैनी गांव है।

रेखा के मुख्यमंत्री बनने के बाद नंदगढ़ गांव में उत्सव का माहौल है और लोग एक-दूसरे को मिठाइयां खिला रहे हैं।

गांव में प्रवीण पिछले 22 दिनों से एक मंदिर में खड़े होकर प्रार्थना और ध्यान लगाए हुए हैं।

नंदगढ़ के पूर्व सरपंच हरिओम शर्मा ने बृहस्पतिवार को बताया, ‘‘प्रवीण न तो बैठता है और न ही लेटता है। वह बमुश्किल कुछ खाता है और बीच-बीच में शौच के लिए जाता है। वह 24 घंटे खड़ा रहता है और उसके पैर और पंजे भी सूज गए हैं।’’

शर्मा ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जब शालीमार बाग से रेखा गुप्ता को उम्मीदवार बनाया था तो प्रवीण ने प्रण लिया था कि वह लगातार प्रार्थना और ध्यान करेंगे जिससे रेखा चुनाव जीत जाएं।

उन्होंने बताया कि चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद जब गुप्ता का नाम मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों की चर्चा में आया तो प्रवीण लगातार प्रार्थना करते रहे कि वह मुख्यमंत्री बनें।

पूर्व सरपंच ने कहा, ‘‘अब प्रवीण अगले 19 दिनों तक इसी तरह प्रार्थना करते रहेंगे और ईश्वर को धन्यवाद देंगे क्योंकि उनकी प्रार्थनाएं स्वीकार हो गईं।’’

प्रवीण ने बताया कि वह पिछले 22 दिनों से खड़े होकर ध्यान कर रहे थे और प्रार्थना कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी प्रार्थनाएं स्वीकार हो गई हैं।’’

उन्होंने कहा कि वह 41 दिन पूरे होने तक खड़े रहेंगे।

पूर्व सरपंच शर्मा ने कहा कि गुप्ता का परिवार 1976 में दिल्ली आ गया था। उस समय वह सिर्फ दो साल की थीं।

उन्होंने कहा, ‘‘रेखा गुप्ता के पिता जय भगवान जींद के जुलाना के एक बैंक के प्रबंधक थे और बाद में वह दिल्ली चले गए। रेखा गुप्ता के दादा मनी राम की गांव में एक दुकान थी।’’

शर्मा ने बताया कि उनके परिवार ने गांव में एक शिव मंदिर का निर्माण कराया था।

शर्मा ने बताया, ‘‘रेखा गुप्ता कभी-कभी गांव आती थीं। उनके चाचा सुशील कुमार ज्यादातर गांव में ही रहते थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे गांव से कोई भी विधायक नहीं बन पाया। हम भाजपा को भी धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने उन पर विश्वास जताया और उन्हें मुख्यमंत्री बनाया।’’

भाषा प्रीति अविनाश

अविनाश



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