रूत्विका-रोहिन की मिश्रित बैडमिंटन जोड़ी |

Ankit
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… अमित कुमार दास …


नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) रूत्विका शिवानी गाडे चोट से लगातार संघर्ष करने के कारण बैडमिंटन में उम्मीदों के मुताबिक सफलता नहीं हासिल कर सकी जबकि रोहन कपूर लंबे समय तक युगल मुकाबलों के लिए सही खिलाड़ी के साथ जोड़ी नहीं बना सके लेकिन दोनों को मिश्रित युगल में जोड़ी बनाने के बाद करियर में तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद है। रूत्विका और रोहन की जोड़ी पिछले सत्र से मिश्रित युगल देश की दूसरी सर्वश्रेष्ठ जोड़ी है। यह जोड़ी विश्व रैंकिंग में 37वें स्थान पर काबिज है। रोहन की कोशिश इस साझेदारी को बरकरार रखते हुए बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर के आयोजनों में सफलता हासिल करने की है। रोहन ने कहा, ‘‘ इससे पहले मैं जब भी शीर्ष 32 या 35 में पहुंचता था मेरा युगल साथी मुझे छोड़ देता था या चोटिल हो जाता था। मेरे लिए यह काफी मुश्किल रहा है लेकिन मुझे में अच्छा करने का जज्बा बरकरार है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ अब रूत्विका के साथ मेरी जोड़ी बनी है, मुझे उम्मीद है कि हम शीर्ष 30 में पहुंच कर अपने सफर को जारी रखेंगे।’’ भारतीय जोड़ी के सामने मंगलवार को 240,000 डॉलर इनामी थाईलैंड मास्टर्स सुपर 300 टूर्नामेंट के शुरुआती दौर में चीनी ताइपे के पो यू लाई और जिओ मिन लिन की चुनौती होगी। रूत्विका ने इंडिया ओपन के दौरान बातचीत में कहा था, ‘‘ मैंने एक साल पहले मैंने युगल में खेलने का मन बनाया। मैं और रोहन हालांकि अप्रैल से एक साथ खेल रहे हैं। ऐसे में हमारी जोड़ी बने छह-आठ महीने हुए है और हमारा लक्ष्य कुछ बड़ा हासिल करने का है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब हमने एक साथ खेलना शुरू किया तो हमारा मुख्य लक्ष्य राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं और फिर चैलेंजर्स स्तर पर जीत दर्ज करने का था। इसे हासिल करने के बाद हमने बड़ा लक्ष्य बनाया है। मैं अब चोट से मुक्त हूं और मैं शीर्ष स्तर पर खेलना जारी रखना चाहती हूं।’’ रोहन और रूत्विका की जोड़ी ने एक साल से कम समय में रायपुर और तेलंगाना में दो भारतीय अंतरराष्ट्रीय चैलेंजर्स में जीत हासिल की है और तुर्की में फाइनल में पहुंचे। यह जोड़ी पिछले साल दिसंबर में ओडिशा मास्टर्स सुपर 100 के सेमीफाइनल में भी पहुंची थी। रोहन ने बताया, ‘‘हम शीर्ष स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए हमें कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। हम चैलेंजर्स स्तर की प्रतियोगिताओं में अच्छा करने के बाद 750 और 500 स्तर की स्पर्धाओं में पहले दौर, दूसरे दौर, क्वार्टर फाइनल या सेमीफाइनल में पहुंचना चाहते हैं तो हमें कड़ी मेहनत करने की जरूरत होगी।’’ रोहन, कुहू गर्ग के साथ विश्व रैंकिंग में 34वें और फिर एन सिक्की रेड्डी के साथ विश्व रैंकिंग में 30वें स्थान पर पहुंचे, लेकिन ये जोड़ियां अधिक समय तक नहीं चल सकीं। उन्होंने एमआर अर्जुन, विघ्नेश देवलेकर, के नंदगोपाल, सौरभ शर्मा और बी सुमीथ रेड्डी के साथ पुरुष युगल भी खेला है। रूत्विका 2016 में दक्षिण एशियाई खेलों में पीवी सिंधू को शिकस्त देकर चैम्पियन बनीं थी। उन्होंने एकल के साथ टीम स्पर्धा का स्वर्ण पदक भी जीता था। उन्होंने पिछले साल भारत के उबेर कप जीत में अहम योगदान दिया था। चोट के कारण हालांकि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एकल वर्ग में उम्मीदों के मुताबिक सफलता नहीं मिली। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे कई बार चोट का सामना करना पड़ा, दिसंबर 2022 में मेरे घुटने की सर्जरी हुई थी। मैंने इसके बाद एकल में वापसी की कोशिश की लेकिन चोट कारण पूरे कोर्ट को कवर करने में परेशानी हो रही थी। इसके बाद मैंने युगल में खेलने का फैसला किया। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा लक्ष्य शीर्ष 30 में जगह बनाना है। हम सुपर 100 में जीत दर्ज कर रहे हैं लेकिन हमारी कोशिश सुपर 300, 500 और 750 स्तर पर अधिक जीत दर्ज करने की है। भाषा आनन्द मोनामोना



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