मुंबई, 12 मार्च (भाषा) शुल्क संबंधी अनिश्चितताओं के बीच अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को रुपया एक पैसे की गिरावट के साथ 87.22 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा विश्लेषकों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार में बिकवाली के दबाव तथा विदेशी कोषों की निकासी जारी रहने के बीच कच्चे तेल की कीमतों में तेजी ने भी रुपये को प्रभावित किया।
इसके अलावा, बाजार प्रतिभागी सतर्क बने रहे तथा वे भारत और अमेरिका में बाद में जारी होने वाले वृहद आर्थिक आंकड़ों से संकेत मिलने की प्रतीक्षा कर रहे थे।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 87.24 पर खुला और डॉलर के मुकाबले दिन के निचले स्तर 87.32 तक चला गया। रुपये ने 87.17 के ऊपरी स्तर को भी छुआ और कारोबार के अंत में यह 87.22 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। यह पिछले बंद स्तर से एक पैसे की गिरावट है।
पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 10 पैसे की मजबूती के साथ 87.21 प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ था।
एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक (जिंस एवं मुद्रा) – जतिन त्रिवेदी ने कहा कि कमजोर कच्चे तेल की कीमतों और नरम डॉलर इंडेक्स की वजह से रुपया स्थिर कारोबार कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत में सीपीआई 4.31 प्रतिशत की तुलना में घटकर 3.61 प्रतिशत रहने से रुपये के लिए थोड़ा सहायक माहौल बना है। रुपये की कीमत 86.85-87.45 के बीच रहने की उम्मीद है, जिसमें मुद्रास्फीति के आंकड़े और वैश्विक संकेतक आगे की चाल को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।’’
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.18 प्रतिशत की बढ़त के साथ 103.45 पर पहुंच गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.55 प्रतिशत बढ़कर 69.94 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।
घरेलू शेयर बाजार में गिरावट रही और 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 72.56 अंक के नुकसान के साथ 74,029.76 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 27.40 अंक की गिरावट के साथ 22,470.50 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बुधवार को 1,627.61 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
विशेषज्ञों के अनुसार, शुल्क को लेकर अनिश्चितता तब और बढ़ गई जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर कनाडा से इस्पात और एल्युमीनियम आता है तो अमेरिका उस पर आगामी शुल्क को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर देगा, लेकिन बाद में उन्होंने संकेत दिया कि वह अतिरिक्त वृद्धि पर पुनर्विचार कर सकते हैं।
भाषा राजेश राजेश अजय
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