रिश्तेदार राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल इसलिए पासपोर्ट से इंकार नहीं कर सकतेः न्यायालय

Ankit
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श्रीनगर, 12 फरवरी (भाषा) जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि किसी व्यक्ति को केवल इसलिए पासपोर्ट देने से इनकार नहीं किया जा सकता कि उसके रिश्तेदार राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल थे।


न्यायमूर्ति एम ए चौधरी ने मंगलवार को एक याचिका का निपटारा करते हुए अपने आदेश में कहा, ‘‘इस अदालत का मानना ​​है कि याचिकाकर्ता के मामले में केवल इस आधार पर पासपोर्ट जारी करने की सिफारिश न करने का कोई कारण नहीं है कि उसके भाई की वर्ष 2011 में आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता थी, जब उसकी हत्या कर दी गई थी और उसके पिता को आतंकवादी संगठन के मददगार के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।’’

अदालत ने इंजीनियरिंग में डिप्लोमा धारक मोहम्मद आमिर मलिक की याचिका को स्वीकार कर लिया, जिन्होंने नौकरी की तलाश के वास्ते विदेश यात्रा के लिए पासपोर्ट जारी करने के लिए आवेदन किया था। पासपोर्ट जारी करने वाला प्राधिकारी सीआईडी ​​में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) की मंजूरी के बिना यात्रा दस्तावेज जारी नहीं कर सकता।

रामबन निवासी मलिक ने याचिका इसलिए दायर की थी कि सीआईडी ​​मुख्यालय ने उनके मारे गए भाई के आतंकवाद से संबंध के कारण पासपोर्ट जारी करने की मंजूरी नहीं दी थी।

अदालत के आदेश का पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने स्वागत किया है। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि केवल आतंकवादी से संबंधित होने के कारण किसी व्यक्ति को पासपोर्ट देने से इनकार नहीं करने का माननीय उच्च न्यायालय का फैसला निश्चित रूप से सही दिशा में उठाया गया कदम है।

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने कहा, ‘‘पासपोर्ट कार्यालयों में अनगिनत मामले लंबित हैं, जो सीआईडी ​​विभाग से मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहे हैं। न केवल ऐसे व्यक्तियों को पासपोर्ट देने से मना किया जाता है, बल्कि पत्रकारों, छात्रों और नौकरी चाहने वालों को भी सरकारी पदों के लिए आवश्यक योग्यताएं पूरी करने के बावजूद केवल सीआईडी ​​द्वारा दी गई नकारात्मक रिपोर्ट के कारण नौकरी देने से मना कर दिया जाता है। चरमपंथी से संबंधित होने का दर्जा (चाहे वह मृत हो या जीवित) देना अप्रासंगिक लगता है। दुर्भाग्यवश यह नीति जमात-ए-इस्लामी पार्टी के सदस्यों के दूर के संबंधी लोगों पर भी लागू कर दी गई है।’’

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने कहा कि यह फैसला ऐसे ही भेदभाव का सामना कर रहे हजारों लोगों के लिए एक सशक्त मिसाल कायम करता है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि हमारी पार्टी की याचिका के जवाब में जल्द ही इस तरह का एक व्यापक फैसला जारी किया जाएगा।’’

भाषा संतोष पवनेश

पवनेश



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