नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर सदन में गलत बयान देने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह अपने सभी दावों को प्रमाणित करें, अन्यथा विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा दें।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि राहुल गांधी अपने दावों को प्रमाणित नहीं कर पाते तो लोकसभा अध्यक्ष के निर्देशानुसार उन पर विशेषाधिकार संबंधी कार्यवाही हो।
निचले सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए दुबे ने संसदीय प्रक्रियाओं से जुड़ी एक पुस्तक का हवाला देते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष ऐसा होना चाहिए जिसे संसदीय नियमों, देश, प्रधानमंत्री, देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता के बारे में पूरी जानकारी हो।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं दुखी मन से यह बात कहने जा रहा हूं कि मेरा इस सदन में यह चौथा कार्यकाल है और मुझे पहली बार ऐसा नेता प्रतिपक्ष दिखाई दे रहा है जो दुनिया में भारत कैसे कमजोर हो, देश के कैसे टुकड़े हों…इस दिशा में काम कर रहा है।’’
राहुल गांधी ने सोमवार को सदन में चर्चा में भाग लेते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक देश के रूप में हम विनिर्माण में विफल रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि विनिर्माण का काम चीन की कंपनियों को दे दिया गया है। राहुल गांधी ने चीन के साथ सीमा के मुद्दे पर भी सरकार पर हमला बोला।
भाजपा सांसद दुबे ने कहा, ‘‘मैं विपक्ष के नेता राहुल गांधी को चुनौती देता हूं कि उनमें साहस है तो अपनी सारी बातें प्रमाणित करें अन्यथा नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा दें। मैं अपनी सारी बातों को प्रमाणित करुंगा।’’
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने अपना मोबाइल फोन दिखाते हुए इसके देश में असेंबल होने का दावा किया था, लेकिन कांग्रेस ने ही देश को विदेशियों के हाथों ‘गिरवी रख दिया’।
भाजपा सांसद ने दावा किया कि जब 1996-97 में पी चिदंबरम वित्त मंत्री और वाणिज्य मंत्री थे तो अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार समझौता (आईटीए-1) पर यूरोपीय संघ के दबाव में उस सरकार ने हस्ताक्षर किए।
उन्होंने कहा कि इस समझौते के कारण इलेक्ट्रॉनिक, हार्डवेयर आदि पर ड्यूटी शून्य होती गई। दुबे ने दावा किया कि केवल 14 देशों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और चीन उसमें हिस्सा नहीं था।
दुबे ने कहा, ‘‘खिलौनों के विनिर्माण में हम नंबर वन होते थे। अब चीनी आ गए। मोबाइल और उनके कलपुर्जों में भी चीनी आ गए।’’
उन्होंने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ को आगे बढ़ाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि 2015 में जब आईटीए-2 आया तो प्रधानमंत्री के आदेश पर सरकार ने उसका सदस्य बनने से इनकार कर दिया, इसलिए आज हम मोबाइल के नंबर वन विनिर्माता हैं।
दुबे ने राहुल गांधी को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘यदि आपके पास प्रमाण हैं कि प्रधानमंत्री ने विनिर्माण क्षेत्र को नहीं बढ़ाया, हम चीन को स्पर्धा नहीं दे रहे और चीन को बढ़ाया तो प्रमाणित करो नहीं तो देश से माफी मांगो।’’
उन्होंने चीन के साथ आजादी के बाद से ही सीमा मुद्दे के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और उनके बाद पूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को जिम्मेदार ठहराते हुए दावा किया कि ‘‘आपने (कांग्रेस ने) तिब्बत देकर हमारे माथे पर चीन को बैठा दिया।’’
उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और उनकी पहल के कारण चीन के साथ विवाद सुलझता नजर आ रहा है, चीन आज पूरी दुनिया में उनके कारण परेशान नजर आ रहा है तो कांग्रेस नेता प्रधानमंत्री की प्रशंसा करने के बदले उन्हें बदनाम और देश को गुमराह करने के लिए ऐसे आरोप लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल में कहा है कि चीन के ‘डीपसीक’ को छह महीने में समाप्त कर देंगे और उससे बढ़िया एआई बनाएंगे।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण में प्रधानमंत्री मोदी को निमंत्रित कराने के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर के प्रयास करने के राहुल गांधी के दावों को खारिज करते हुए दुबे ने कहा कि 27 जनवरी 2025 को व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने भारत के प्रधानमंत्री से बात की और हम भारत के प्रधानमंत्री के साथ अच्छे संबंध रखना चाहते हैं।
भाजपा सांसद ने कहा कि व्हाइट हाउस ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया है तो क्या व्हाइट हाउस पर भी प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री का नियंत्रण है?
दुबे ने कहा, ‘‘समस्या यह है कि पूरे गांधी परिवार के साथ अमेरिका के संबंध खराब रहे और आज ऐसी स्थिति है कि ट्रंप स्वयं भारत के प्रधानमंत्री को फोन करते हैं।’’
उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस के समय तो आजादी के बाद से एक बार भी मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति में विपक्ष के किसी नेता से सलाह नहीं ली गई।
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एम.एस. गिल तो सेवानिवृत्त होने के बाद कांग्रेस के सदस्य बने, राज्यसभा में पहुंचे और देश के खेल मंत्री तक बने।
उन्होंने महाराष्ट्र चुनाव में मतदाता सूची संबंधी नेता प्रतिपक्ष के दावों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार पारदर्शिता के साथ बढ़ रही है और कांग्रेस भारत को कमजोर करने वाली ताकतों के साथ मिलकर महाराष्ट्र चुनाव पर आरोप लगा रही है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने इस तरह के आरोप लगाकर लोकतंत्र के खिलाफ, महाराष्ट्र के परिणाम के खिलाफ जनता के मन में भ्रम पैदा करने का प्रयास किया और जनादेश का अपमान किया।
दुबे ने कहा, ‘‘आप देश को टुकड़े टुकड़े करने की साजिश कर रहे हैं।’’
उन्होंने सरकार में उच्च पदों पर ओबीसी का प्रतिनिधित्व नहीं होने संबंधी राहुल गांधी के दावों पर कहा कि हमारे सर्वोच्च नेता प्रधानमंत्री मोदी इसी वर्ग से आते हैं।
दुबे ने कहा कि कांग्रेस ओबीसी के आरक्षण को मुस्लिमों को देना चाहती है लेकिन ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि जब तक वह देश के प्रधानमंत्री हैं, वह ओबीसी के आरक्षण को कभी मुसलमानों के पास नहीं जाने देंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आसन से आग्रह करता हूं कि वह ( नेता प्रतिपक्ष) इन बिंदुओं पर अपनी बात को सदन में प्रमाणित करें अन्यथा उन पर लोकसभा अध्यक्ष के निर्देशानुसार विशेषाधिकार से संबंधित कार्यवाही हो और उन्हें सदन से बाहर किया जाए। तभी यह देश बचेगा।’’
भाषा
वैभव प्रशांत
प्रशांत