रांची: Assam CM on Rahul Gandhi लोकसभा का मानसून सत्र लगातार जारी है। सदन में जहां एक ओर विपक्ष के नेता सत्ता पक्ष को घेरने की कवायद में लगी है तो दूसरी ओर सत्ता पक्ष के नेता भी करारा जवाब दे रहे हैं। मानसून सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जाति जनगणना करवाने का मुद्दा उठाया। वहीं, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सदन में राहुल गांधी की जाति पूछ दी, जिसके बाद सियासी गलियारों में बवाल मचा हुआ है। सपा सांसद अखिलेश यादव ने भी जाति पूछने को लेकर अनुराग ठाकुर की जमकर आलोचना की है। वहीं, अब जाति के मामले को लेकर असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने राहुल गांधी पर करारा प्रहार किया है।
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Assam CM on Rahul Gandhi रांची प्रवास के दौरान जब सीएम हिमंत बिस्वा सरमा से जाति जनगणना को लेकर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पहले पत्रकार से पूछते थे आपकी जाति क्या है? अब लोगों ने उनकी जाति पूछी तो बोले हमारी जाति क्यों पूछते हैं? बिना जाति पूछे जातीय जनगणना होगी क्या? राहुल बोलते हैं मैं जाति जनगणना करवा कर रहूंगा, लेकिन अपनी जाति नहीं बताऊंगा, ये कैसे होगा? अगर गणना होगी तो राहुल गांधी को अपनी जाति बतानी होगी।
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बता दें कि बीते मंगलवार को अनुराग ठाकुर ने कहा, ”ओबीसी, जनगणना की बात बहुत की जाती है। माननीय सभापति जी जिसकी जाति का पता नहीं, वो गणना की बात करता है।” अनुराग ठाकुर की इस टिप्पणी पर लोकसभा में काफ़ी हंगामा हुआ और विपक्षी खेमे ने तीखी आपत्ति जताई। विपक्ष ने कहा कि अनुराग ठाकुर किसी से जाति कैसे पूछ सकते हैं। हंगामे के बीच राहुल गांधी ने अनुराग ठाकुर की टिप्पणी पर जवाब देते हुए कहा, ”उन्होंने मुझे अपमानित किया है, मुझे बोलने दीजिए। जितना आप लोग मेरी बेइज़्ज़ती करना चाहते हैं, आप ख़ुशी से करिए, आप रोज़ करिए। लेकिन एक बात मत भूलिए कि जातीय जनगणना को हम यहाँ पास करके दिखाएंगे, जितना बेइज़्ज़त करना है, करिए।”
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वहीं दूसरी ओर भाजपा के चुनावी अभियान को धार देने गुरुवार को पाकुड़ पहुंचे असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गोपीनाथपुर गांव नहीं जा सकेंगे। सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए जिला प्रशासन ने उन्हें गोपीनाथपुर गांव जाने की अनुमति नहीं दी। हिमंत सरमा गुरुवार को गोपीनाथपुर जाकर बंगाल के उपद्रवियों से पीड़ित हिंदू परिवार से मुलाकात करने वाले थे। दरअसल, बकरीद में गोपीनाथपुर गांव में कथित रूप से गोवंशी काटे जाने का विरोध करने पर दो समुदायों में विवाद हो गया था। इसके बाद सीमावर्ती बंगाल के इलाके से सैंकड़ों की संख्या में उपद्रवी गोपीनाथपुर पहुंचकर हिंदू परिवारों पर हमला किया था।
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