रास में उठा बढ़ते शहरीकरण व आधारभूत ढांचा योजनाओं की समुचित निगरानी नहीं होने का मुद्दा

Ankit
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नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) राज्यसभा में बृहस्पतिवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने देश में बढ़ते शहरीकरण के बावजूद आवास सहित आधारभूत ढांचे के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के समुचित ढंग से क्रियान्वयन और निगरानी नहीं होने पर चिंता जतायी, वहीं कुछ विपक्षी सदस्यों ने कल हुई वर्षा के कारण नये संसद भवन में जलजमाव को लेकर सरकार को आड़े हाथ लिया।


उच्च सदन में आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा में भाग लेते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की फौजिया खान ने शहरों में बढ़ते अतिक्रमण, बढ़ते झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्र, यातायात जाम, आवास इकाइयों की कमी के कारण छोटे से लेकर बड़े शहरी क्षेत्रों का ढांचा चरमराने की ओर सरकार का ध्यान दिलाया।

उन्होंने आरोप लगाया कि कि सरकार की स्मार्ट सिटी योजना बुरी तरह विफल हो गयी है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में आठ स्मार्ट सिटी बनाने की बात है, जिनमें से सात की स्थिति बिल्कुल नहीं बदली है।

राकांपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना भी अभी तक बुरी तरह असफल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि शहरी विकास से जुड़ी परियोजनाओं का नियोजन बहुत खराब तरीके से किया जा रहा है।

उन्होंने इस मामले में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए नागपुर मेट्रो का उदाहरण दिया और कहा कि देश में कई मेट्रो परियोजनाएं समुचित व्यवहार्यता अध्ययन के बिना ही स्वीकृत कर दी गयीं।

भाजपा के शंभुशरण पटेल ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि मोदी सरकार ने देश के बड़े शहरों के साथ-साथ छोटे शहरों के आधारभूत ढांचे को विकसित करने के लिए व्यापक प्रयास किए हैं।

उन्होंने कहा कि देश के समग्र विकास के लिए बिहार के विकास के वास्ते केंद्र सरकार ने आम बजट में राज्य को विभिन्न योजनाओं के तहत 98,900 करोड़ रूपये की बड़ी सौगात दी है। उन्होंने पूरे बिहार की जनता की ओर से इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने आम बजट में बिहार की विभिन्न योजनाओं के लिए किए गए आवंटन का भी उल्लेख किया।

पटेल ने कहा कि इन बजटीय आवंटन से बिहार में न केवल छोटे एवं मझोले शहरों का, बल्कि हवाई अड्डों और स्टेडियमों का भी विकास होगा।

वाईएसआर कांग्रेस के वी विजयसाई रेड्डी ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में विशाखापट्टनम मेट्रो की बात कही गयी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के बजट में विशाखापट्टनम मेट्रो के लिए कोई बजटीय प्रावधान नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि देश में जिस वर्ग को आवास की सबसे अधिक महसूस हो रही है, उसमें 95 प्रतिशत कम आय वर्ग के लोग हैं।

रेड्डी ने सरकार से वर्षा के बाद जगह जगह जलभराव की स्थिति की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि ड्रेनेज और आधारभूत ढांचे पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कल सदन के स्थगित होने के बाद जब वह बाहर निकले तो उन्हें संसद भवन परिसर में घुटने भर पानी से गुजरना पड़ा जो वर्षा के कारण वहां भर गया था।

उन्होंने कहा कि देश को 100 वर्ष पुराने आधारभूत ढांचों को दुरूस्त करने और जरूरत के अनुसार उन्हें नया बनाने पर भी ध्यान देना होगा।

बहुजन समाज पार्टी के रामजी ने दिल्ली में कल हुई बारिश का जिक्र करते हुए कहा कि इस दौरान नाले में गिरने से एक मां और उसके बेटे की मौत हो गयी। उन्होंने कहा कि शहरी नियोजन और उस पर निगाह रखने की फौरन आवश्यकता है।

उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिनको जरूरत नहीं है, उनको मकान दिये जा रहे हैं और जरूरतमंद लोग उससे वंचित हैं। उन्होंने केंद्र सरकार को सुझाव दिया कि जिस प्रकार उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती मायावती सरकार ने कांशीराम आवास योजना के तहत जरूरतमंदों को दो कमरों वाला मकान बनवाकर दिया था, उसी प्रकार की योजना पूरे देश में चलायी जानी चाहिए।

उन्होंने दिल्ली के वसंत कुंज में नालों की हाथ से सफाई का जिक्र करते हुए कहा कि आज हम चंद्रमा तक पहुंच गये हैं किंतु क्या हम कोई ऐसी व्यवस्था नहीं कर सकते जिसमें नालों और सीवर से सफाई का काम मशीनों से किया जा सके।

भाजपा के सदानंद महालू शेट तानवड़े ने चर्चा में भाग लेते हुए अपनी बात कोंकणी भाषा में रखी।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सदस्य ए रहीम ने आरोप लगाया कि केंद्रीय बजट में केरल के लोगों के साथ दोयम दर्जे के नागरिकों की तरह व्यवहार किया गया है।

उन्होंने सरकार से प्रश्न किया कि केरल में वहनीय कीमत पर प्रवासी मजदूरों के लिए किराये के मकानों की खातिर बजट में क्या प्रावधान किया गया है?

रहीम ने कहा कि आज के समय की मांग मकान हैं तथा उनके मकान बुलडोजर से नहीं गिराये जाने चाहिए। उन्होंने ‘बुलडोजर राज’ पर एक श्वेत पत्र लाने की मांग की।

आईयूएमएल सदस्य हारिस बारीन ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री आवास योजना पूरी तरह से विफल साबित हो चुकी है क्योंकि यह 2022 तक देश में सभी का अपना मकान के लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पायी है।

शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि एक वर्ष पहले बने नये संसद भवन में जिस प्रकार कल रात पानी भरा उसी से पता चल जाता है कि आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय में कामकाज किस प्रकार चल रहा है। उन्होंने अपने राज्य महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत विभिन्न मदों में होने वाले कार्यों की धीमी गति पर चिंता जतायी।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र एक ऐसा राज्य है जहां विशाल आबादी शहरी क्षेत्रों में रहती है। उन्होंने सवाल किया कि क्या शहरी कार्य मंत्रालय राज्य में होने वाले कामों की कभी समीक्षा करती है या जवाबदेही तय करती है?

माकपा के वी शिवदासन ने कहा कि सरकार भले ही स्मार्ट सिटी की बात करे किंतु यह तथ्य नहीं भूलना चाहिए कि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के बिना शहरी विकास नहीं हो सकता है।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाएं और रोजगार के अवसर बढ़ाये बिना लोगों का ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों की ओर बढ़ता पलायन नहीं रोका जा सकता।

राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि कुछ सदस्यों ने नये संसद भवन में वर्षा के बाद जलभराव की शिकायत की किंतु उन्हें इस बात को समझना चाहिए कि पूरे भारत में जब छत से पानी टपकता है तो नीचे बाल्टी लगा दी जाती है।

उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान में गांधी के चश्मे को प्रतीक बनाया गया। उन्होंने कहा कि प्रतीक बनाने से कुछ नहीं होगा क्योंकि गांधी की विचारधारा का चश्मा वे नहीं पहन सकते हैं।

झा ने कहा कि वह विद्यार्थी जीवन में हडप्पा, मोहनजोदड़ो में उन्नत ड्रेनेज प्रणाली के बारे में पढ़ते थे। उन्होंने कहा कि काश हम उसी पुराने युग में लौट सकते।

झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ माझी ने झारखंड में पानी की कमी और आवास परियोजनाओं की समुचित निगरानी नहीं होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि रांची के लोगों को बहुत उम्मीद है कि वहां स्मार्ट सिटी जल्द से जल्द बनेगी।

भाषा

माधव अविनाश

अविनाश



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