राष्ट्रीय स्वच्छ वायु सर्वेक्षण रिपोर्ट की रैंकिंग में पटना 29वें से 14वें स्थान पर पहुंचा |

Ankit
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पटना, 13 सितंबर (भाषा)बिहार की राजधानी पटना ने आबोहवा को स्वच्छ रखने के लिए उठाए गए कदमों में उल्लेखनीय सुधार किया है और उसे ‘स्वच्छ वायु सर्वेक्षण रिपोर्ट 2024’ में देश के 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी 14वां स्थान मिला है।


पिछले साल के सर्वेक्षण में पटना को 29वें स्थान से संतोष करना पड़ा था।

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 2024 में किए गए सर्वेक्षण में पटना को 200 में से 176 अंक मिले हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक तीन से 10 लाख की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में गया ने भी उल्लेखनीय सुधार किया है और पिछले साल के 20वें स्थान के मुकाबले इस साल शहर को 8वां स्थान मिला है।

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (बीएसपीसीबी) के अध्यक्ष डी. के. शुक्ला ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में पटना 14वें स्थान पर है, जो पिछले साल के 29वें स्थान के मुकाबले उल्लेखनीय सुधार है।’’

उन्होंने कहा,‘‘यह बहुत संतोष का विषय है कि पटना की वायु गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। यह रैंकिंग वायु गुणवत्ता मापदंडों के मापन पर आधारित नहीं है, बल्कि शहरों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए उठाए गए कदमों और इन कदमों से होने वाले सुधारों पर आधारित है।’’

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा कराए गए ‘स्वच्छ वायु सर्वेक्षण रिपोर्ट’ में, राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के अंतर्गत शामिल 130 शहरों में वायु गुणवत्ता और शहर कार्य योजना के तहत अनुमोदित गतिविधियों के कार्यान्वयन के आधार पर शहरों की रैंकिंग की जाती है।

बीएसपीसीबी के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘पटना, कोलकाता, चेन्नई, रांची, जमशेदपुर, हावड़ा, पुणे, चंडीगढ़ जैसे शहरों से काफी आगे है। पटना और गया की वायु गुणवत्ता में जिस तरह सुधार हुआ है, वह काफी उत्साहजनक है। कार्ययोजना के माध्यम से वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के समन्वित प्रयासों से बेहतर परिणाम मिले हैं।’’

उन्होंने कहा कि बिहार के एक और शहर मुजफ्फरपुर (जिसने इस बार भी अपना 34वां स्थान बरकरार रखा है) भी ठीक है। शुक्ला ने कहा कि बीएसपीसीबी अन्य संबंधित प्राधिकारियों के साथ मिलकर राज्य के अन्य शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए काम कर रहा है।

इन 130 शहरों को रैंकिंग के लिए तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। प्रथम श्रेणी में 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 47 शहर हैं, दूसरी श्रेणी में तीन से 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 43 शहर और तीसरी श्रेणी में तीन लाख से कम जनसंख्या वाले 40 शहर शामिल हैं।

भाषा धीरज प्रशांत

प्रशांत



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