प्रयागराज, 17 अप्रैल (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक आदेश में कहा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं सार्वजनिक महत्व की होती हैं और जब तक दुर्भावनापूर्ण या स्पष्ट मनमानी नहीं दिखती, अदालत इसमें हस्तक्षेप की इच्छुक नहीं है।
इस टिप्पणी के साथ अदालत ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा निर्मित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे पर बलिया जिले में एक गांव को जोड़ने के लिए अंडरपास का निर्माण करने का निर्देश देने से इनकार किया।
बृकेश कुमार मिश्रा नाम के व्यक्ति द्वारा दायर रिट याचिका पर कोई निर्देश देने से इनकार करते हुए न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति डी. रमेश की खंडपीठ ने कहा, “ऐसे मामलों में जहा राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया जा रहा है, कुछ बाशिंदों की सुविधा के लिए परियोजना में बदलाव करने का निर्देश देना अदालत के लिए विवेकपूर्ण नहीं होगा।”
अदालत ने आठ अप्रैल को दिए अपने निर्णय में कहा, “परियोजना की प्रकृति सार्वजनिक महत्व की है और परियोजना रिपोर्ट में निवासियों की जरूरतों को संज्ञान में लिया जाता है। इस एक्सप्रेसवे के साथ प्रत्येक गांव को संपर्क उपलब्ध कराना संभव नहीं है।”
उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुपालन में अदालत को लिखित जानकारी उपलब्ध कराई गई जिसमें बताया गया कि गांव को उचित संपर्क पहले ही उपलब्ध करा दिया गया है।
भाषा राजेंद्र शफीक
शफीक