राबड़ी देवी के भाई का दावा ‘लालू के अपहरणकर्ताओं से संबंध’, राजद ने खारिज किये आरोप |

Ankit
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पटना, 13 फरवरी (भाषा) राज्यसभा के पूर्व सदस्य और लालू प्रसाद के साले सुभाष यादव ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की सरकार के दौरान पार्टी अध्यक्ष का फिरौती के लिए अपहरण करने वाले गिरोहों से संबंध था।


लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी के छोटे भाई यादव ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए यह आरोप लगाया।

यादव ने आरोप लगाया, “वे (लालू और राबड़ी) मुझ पर अपहरण के पीछे होने का आरोप लगाते हैं। वे ही लोगों का अपहरण करवाते थे और उनकी रिहाई का आदेश देते थे।”

लालू और राबड़ी ने सुभाष यादव से संबंध खत्म कर लिए हैं।

उन्होंने कहा, “अगर मेरे खिलाफ कोई सबूत होता, तो मैं जेल में होता, ठीक वैसे ही जैसे लालू के खिलाफ चारा घोटाले में शामिल होने का सबूत था।”

राबड़ी देवी के एक और भाई साधु यादव ने इस आरोप को निराधार, बेबुनियाद बताते हुए कहा, “उससे (सुभाष यादव) पूछना चाहिए कि तुम वहां क्या करते थे। 20 वर्ष नीतीश कुमार के शासन को हो गये और 15 वर्ष राजद का शासन था तो 35 वर्षों बाद उनकी आंख खुली। ऐसा लगता है कि वह किसी राजनीतिक पार्टी से कुछ पाने या कोई पद हासिल करने के लिए ऐसी बातें कह रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मैंने लालू यादव को पहले ही कहा था कि इसको (सुभाष) तवज्जो मत दीजिए।”

साधु ने कहा, “लोग अक्सर मुझे उसके जैसा ही समझ लेते थे। साधु-सुभाष एक पर्यायवाची शब्द बन गए थे। वह सभी हरकतों में लिप्त रहता था और मुझे बिना किसी कारण साझीदार समझा जाता था।”

सुभाष यादव ने आरोप लगाया, “वास्तव में मैं ही था, जिसने अपने जीजा (लालू यादव) को इस तरह से काम करने से रोकने की कोशिश की थी। लेकिन उन दिनों वह सत्ता के नशे में चूर थे और किसी की नहीं सुनते थे।”

उन्होंने यह भी कहा कि राजद ‘कई बार टूट चुका होती, अगर दलबदल विरोधी कानून नहीं होता’ जिसे दिवंगत प्रधानमंत्री अटल ने और सख्त बना दिया था।   सुभाष ने अपने भांजे तेजस्वी यादव को ‘बरसाती मेंढक’ करार देते हुए इस वर्ष के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में राजग की भारी जीत की भविष्यवाणी की।

उन्होंने दावा किया कि राजग 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 200 से अधिक सीट पर जीत हासिल करेगा।

राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने सुभाष यादव के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “कोई भी ऐसे व्यक्ति की आलोचना पर विश्वास नहीं करेगा, जिसने हमारे पार्टी अध्यक्ष को बदनाम किया और जो अब सत्तारूढ़ दल के इशारे पर ऐसी बातें कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “हमारे सुप्रीमो (लालू यादव) के बयान ने सत्तारूढ़ गठबंधन को परेशान कर दिया है। इसलिए निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं। लेकिन हमारे नेता खुद में एक संस्था हैं। उनके कई विरोधियों और सहयोगियों ने उनसे बहुत कुछ सीखा है। उनकी शख्सियत इतनी महान है कि इस तरह के निराधार आरोप से उसे कम नहीं किया जा सकता।”

भाषा अनवर जितेंद्र

जितेंद्र



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