राज कपूर के साथ अपने रिश्ते पर नितिन मुकेश |

Ankit
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(कोमल पंचमटिया)


मुंबई, 15 दिसंबर (भाषा) राज कपूर और पार्श्व गायक मुकेश की दोस्ती हिंदी सिनेमा के इतिहास में बखूबी दर्ज है, लेकिन इस बात से बहुत कम लोग ही अवगत होंगे कि फिल्म निर्माता ने उनके बेटे नितिन मुकेश की व्यक्तिगत और व्यावसायिक यात्रा के दौरान वर्षों तक कैसे मार्गदर्शन किया।

मुकेश ने राज कपूर के लिए 100 से अधिक फिल्मों में गाने गाए। इन फिल्मों में ‘आवारा’, ‘अनाड़ी’, ‘श्री 420’, ‘जिस देश में गंगा बहती है’, ‘संगम’ और ‘मेरा नाम जोकर’ शामिल हैं।

दोनों इतने करीब थे कि 1976 में मुकेश के निधन पर राज कपूर ने कहा था ‘मैंने अपनी आवाज खो दी है।’

नितिन मुकेश का भी अभिनेता-फिल्म निर्माता राजकपूर के साथ एक विशेष रिश्ता था, जिनकी 100वीं जयंती 14 दिसंबर को मनाई गई।

नितिन मुकेश (74) ने ‘पीटीआई भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘भगवान उनके (राजकूपर) और मेरे पिता जैसे इंसानों को बनाना भूल गए हैं। आजकल, आपको ऐसे रिश्ते और दोस्ती कहां देखने को मिलेगी? राज अंकल ने मुझे पार्श्व गायन और शो में शामिल किया। मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘मेरे जीवन में उनकी बड़ी भूमिका है और मैं उनकी पूजा करता हूं। वह मेरे लिए पिता समान थे, क्योंकि मेरे पिता इस दुनिया में नहीं थे, उन्होंने मुझे और मेरे परिवार को सहारा दिया। वह हर कदम पर मेरे साथ रहे…।’

नितिन मुकेश ने कहा कि एक उल्लेखनीय उदाहरण यह है कि फिल्म उद्योग के कई अंदरूनी लोगों ने उन्हें 1978 की ‘‘सत्यम शिवम सुंदरम’’ में ‘‘वो औरत है तू महबूबा’’ नहीं गाने की सलाह दी थी क्योंकि यह मूल रूप से उनके पिता मुकेश द्वारा गाया जाना था।

लेकिन राज कपूर को नितिन मुकेश की क्षमताओं पर भरोसा था और उन्होंने उन्हें अभिनेता शशि कपूर एवं अभिनेत्री जीनत अमान पर फिल्माए गए गीत को गाने की अनुमति दी।

नितिश मुकेश ने कहा, ‘‘फिल्म उद्योग ने इस गीत पर ध्यान दिया और जल्द ही (अभिनेता) मनोज कुमार जी ने मुझे ‘क्रांति’ और ‘संतोष’ जैसी फिल्मों के लिए गाने को कहा। लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल जी ने मुझे अन्य फिल्मों के लिए गाने को कहा। इसके बाद मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।’’

भाषा शुभम सुभाष

सुभाष



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