राज्यपाल के अभिभाषण से पहले विधानसभा में तमिल गान नहीं गाया जाता था: अन्नामलाई |

Ankit
2 Min Read


चेन्नई, छह जनवरी (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने सोमवार को कहा कि राज्य गान ‘तमिल थाई वझथु’ 1991 तक तमिलनाडु राज्य विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण से पहले कभी नहीं गाया गया था।


सदन में राज्यपाल आर.एन. रवि का पारंपरिक अभिभाषण होना था। लेकिन राज्यपाल संविधान और राष्ट्रगान के प्रति अनादर का आरोप लगाते हुए सदन से बाहर चले गए।

अन्नामलाई ने राज्य सरकार पर जनता के रोष से भटकाने का आरोप लगाया।

भाजपा नेता ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘द्रमुक सरकार के लिए यह एक परंपरा बन गई है कि वह अपने कुशासन और गुंडागर्दी के कारण उपजे जनाक्रोश से ध्यान भटकाए और तमिलनाडु के राज्यपाल को नियमों के उल्लंघन का दोषी ठहराए।’’

उन्होंने कहा कि ‘तमिल थाई वझथु’ (तमिल माता का आह्वान) बजाए जाने के बाद राज्यपाल ने राष्ट्रगान गाने का आग्रह किया था, लेकिन उन्हें ‘मना कर दिया गया।’

इस संदर्भ में अन्नामलाई ने कहा कि द्रमुक सरकार को इससे संबंधित पहलुओं की याद दिलाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि 1970 में तत्कालीन मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के नेतृत्व वाली द्रमुक सरकार के दौरान सरकार ने सभी सरकारी और शैक्षणिक कार्यों और सार्वजनिक कार्यक्रमों की शुरुआत में ‘तमिल थाई वझथु’ का पाठ करने का निर्देश दिया था।

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘हालांकि, 1991 तक तमिलनाडु की राज्य विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण से पहले ‘तमिल थाई वझथु’ का गान कभी नहीं हुआ।’’

उन्होंने कहा कि जुलाई 1991 में, जब जयललिता तमिलनाडु की मुख्यमंत्री थीं, पहली बार राज्यपाल के अभिभाषण के आरंभ में और अंत में क्रमशः ‘तमिल थाई वझथु’ और राष्ट्रगान बजाया गया था।

भाषा आशीष प्रशांत

प्रशांत



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *