जयपुर, 28 दिसंबर (भाषा) राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए नौ जिलों व तीन संभागों को निरस्त करने का फैसला किया है।
इसको लेकर सत्तारूढ़ भाजपा व मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस आमने-सामने हैं। कांग्रेस ने राज्य सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे जनमानस के खिलाफ व अलोकतांत्रिक बताया है। वहीं, भाजपा का आरोप है कि गत कांग्रेस सरकार ने ये जिले राजनीतिक लाभ के लिए बनाए थे।
उल्लेखनीय है कि राज्य मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को हुई जिसमें पिछली अशोक गहलोत सरकार द्वारा गठित नौ जिलों व तीन नए संभागों को भी खत्म करने का फैसला किया गया। हालांकि, आठ नए जिलों को बरकरार रखा गया है।
राज्य की पिछली अशोक गहलोत सरकार ने 17 नए जिले व तीन नए संभाग बनाने की अधिसूचना जारी की थी। इसके साथ ही तीन नए जिलों की घोषणा की थी लेकिन उसकी अधिसूचना जारी नहीं हुई थी।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे जनमानस के खिलाफ बताया है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस अलोकतांत्रिक, विवेकहीन फैसले के खिलाफ जन-आंदोलन चलाएगी और आवश्यकता हुई तो न्यायालय की शरण भी ली जाएगी।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी इस फैसले की निंदा की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने केवल राजनीतिक द्वेष के कारण जिले समाप्त करने का जनविरोधी निर्णय लिया है।
जूली ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस फैसले के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक जन-आंदोलन करेगी।
वहीं, कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत और सुमित गोदारा ने विपक्ष के बयान को बचकाना और बेतुका बताया। अविनाश गहलोत ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने चुनावी साल के आखिर में राजनीतिक लाभ के लिए ये जिले बनाए थे।
गोदारा ने कहा कि मौजूदा सरकार का फैसला जनहित में लिया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार का उद्देश्य राज्य की पूरी जनता को लाभ पहुंचाना है और इस दिशा में लगातार जनहितैषी काम किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने अपने 50 फीसदी चुनावी वादों को पहले ही साल में पूरा किया है।
भाषा
पृथ्वी, रवि कांत
रवि कांत