जयपुर, तीन फरवरी (भाषा) राजस्थान के ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि बिजलीघरों हेतु लिए जाने वाले कोयले की गुणवत्ता की जांच में कोई अनियमितता नहीं पाई गई।
उन्होंने कहा कि विद्युत गृहों हेतु लिए जाने वाले कोयले की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए जी.सी.वी (ग्रॉस कैलोरिफिक वैल्यू) की त्रि-स्तरीय जांच की जाती है। उन्होंने कहा कि कोयले के लिए न्यूनतम जी.सी.वी के आधार पर ही भुगतान किया जाता है।
उन्होंने सदन को आश्वस्त करते हुए कहा कि जांच में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं पाई गई है।
मंत्री ने कहा कि वर्तमान में राजस्थान ऊर्जा उत्पादन निगम का कार्य उत्पादन के क्षेत्र में संतोषजनक है तथा उत्पादन निगम के विद्युत गृहों द्वारा प्रतिदिन बिजली उत्पादन एवं दक्षता में निरंतर सुधार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गत आठ माह में सर्वाधिक विद्युत उत्पादन हुआ है।
ऊर्जा राज्य मंत्री नागर सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे।
इससे पहले विधायक रामकेश के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में ऊर्जा राज्य मंत्री ने राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम के सभी विद्युत गृहों में विगत पांच वर्षों में हुए सकल विद्युत उत्पादन का विद्युत गृह वार विवरण सदन की मेज पर रखा। उन्होंने बताया कि विद्युत उत्पादन में वृद्धि के लिए प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं।
भाषा पृथ्वी कुंज
राजकुमार
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