जयपुर, 16 अप्रैल (भाषा) राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने बुधवार को कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास और विद्यार्थी की बौद्धिक क्षमता बढ़ाने से जुड़ी है।
राज्यपाल बागडे, प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम उषा अभियान) के अंतर्गत ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में आपदा प्रबंधन एवं भारतीय ज्ञान प्रणाली’ विषय पर राज्य स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
आधिकारिक बयान के अनुसार, केंद्र सरकार ने विभिन्न योजनाओं में शिक्षा के लिए जो बजट आवंटित किया है वह विद्यार्थियों के विकास के लिए है।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा से विद्यार्थी का मन विकसित होता है और ऐसा होने से समाज अपने आप ही आपदाओं से जूझने के लिए तैयार होगा।
उन्होंने कहा कि विकसित भारत के संकल्प के अंतर्गत मन, आचार- विचार भी विकसित होंगे।
राज्यपाल ने विनोबा भावे के कथन की चर्चा करते हुए कहा कि जब देश आजाद हुआ और देश का झंडा बदला गया तभी शिक्षा नीति भी बनानी चाहिए थी लेकिन नीति नहीं बदली इसलिए विद्यार्थी की बौद्धिक क्षमता नहीं बढ़ी।
उन्होंने कहा कि अब नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति जो बनी है वह विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास से और विद्यार्थी की बौद्धिक क्षमता बढ़ाने से जुड़ी है।
बागडे ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने ‘मानव जोड़ों आदमी जोड़ो’ की शिक्षा दी है।
उन्होंने नकल मुक्त शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि विद्यार्थी की बौद्धिक क्षमता बढ़ेगी तभी यह संभव हो सकेगा।
बागडे ने रटने की बजाय मन से पढ़ने, पढ़ाने लिए कार्य किए जाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि वही ज्ञान सार्थक है, जो समय के साथ प्रासंगिक रहे और इसलिए नई शिक्षा नीति इसी आधार पर तैयार की गई है।
राज्यपाल ने राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिविधियों को प्रभावी ढंग से संचालित करने वाली संस्थाओं, कार्यक्रम अधिकारियों व स्वयंसेवकों को सम्मानित भी किया। उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने आपदा प्रबंधन से जुड़ी भारतीय ज्ञान परंपरा की चर्चा करते हुए कहा कि भारतीय ग्रंथों में बाढ़, सूखा, भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के तरीके बताए गए हैं।
अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख राजकुमार मटाले ने आपदा प्रबंधन के अंतर्गत देश में समय-समय पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा किए गए कार्यों के आलोक में पाठ्यक्रमों में भारतीय ज्ञान परंपरा के संदर्भ में आपदा से बचाव के लिए मन से विद्यार्थी तैयार किए जाने पर जोर दिया।
भाषा पृथ्वी जितेंद्र
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