अमृतसर, 12 अप्रैल (भाषा) पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को आरोप लगाया कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और उसके नेतृत्व को खत्म करने का ‘‘षड्यंत्र रचा गया है’’ और यह साजिश 2020 में पार्टी के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाता तोड़ने के बाद की गई।
शनिवार को शिअद के अध्यक्ष चुने गए बादल ने पार्टी छोड़ने वालों से एकजुटता के लिए वापस लौटने की अपील की।
बादल ने पार्टी प्रतिनिधियों और सदस्यों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं आपको वचन देता हूं कि मैं खालसा पंथ की प्रतिष्ठा से संबंधित किसी भी मुद्दे पर कभी समझौता नहीं करूंगा।’’
उन्होंने यह भी दावा किया कि पिछले छह माह में पार्टी और उसके नेतृत्व को खत्म करने की साजिश देखी गई।
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि यह साजिश सबसे पहले तब शुरू हुई जब शिअद ने 2020 में विवादास्पद तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राजग से नाता तोड़ दिया।
बादल ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘यह साजिश तब शुरू हुई जब शिअद ने राजग से अलग होने का फैसला किया। हमने इसे किसानों के लिए छोड़ दिया। जब तक हम राजग के साथ थे, हमने कभी भी इसे कोई अन्याय नहीं करने दिया।’’
उन्होंने दावा किया कि पिछले छह माह में इस साजिश को और तेज कर दिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘श्री हजूर साहिब और पटना साहिब बोर्ड का विस्तार करके उन्हें सरकारी नियंत्रण में लाया गया।’’
पंजाब के अमृतसर में शनिवार को आयोजित की गई शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रतिनिधियों की बैठक में सुखबीर सिंह बादल को फिर से पार्टी अध्यक्ष चुना गया और इसके साथ ही उन्होंने पार्टी की कमान भी संभाल ली।
इससे कुछ महीने पहले, शिअद और उसकी सरकार द्वारा 2007 से 2017 तक की गई ‘‘गलतियों’’ के लिए अकाल तख्त द्वारा बादल को ‘तनखैया’ (धार्मिक कदाचार का दोषी) घोषित किए जाने के बाद उन्होंने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
बादल के शिअद अध्यक्ष चुने जाने पर प्रतिद्वंद्वियों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और उनके चयन को फर्जीवाड़ा करार देते हुए आरोप लगाया कि 104 साल पुराना संगठन बादल परिवार की ‘‘प्राइवेट लिमिटेड कंपनी’’ बन गया है।
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा, ‘‘इसे (शिअद को) जो मिला है वह कोई असली नेता नहीं बल्कि एक नकली अध्यक्ष है जिसे केवल सत्ता, पारिवारिक नियंत्रण और पैसे के आधार पर चुना गया है। पार्टी में कोई लोकतंत्र नहीं बचा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब के लोगों ने पहले ही उन्हें खारिज कर दिया है और इतिहास खुद को दोहराएगा। शिअद बादल परिवार की एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से ज्यादा कुछ नहीं रह गया है।’’
कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने भी बादल पर निशाना साधते हुए पूछा, ‘‘उन्होंने कब इस्तीफा दिया?’’
कांग्रेस नेता ने व्यंगात्मक लहजे में कहा कि बादल ने केवल अपने पारिवारिक कार्यों के लिए ‘‘छुट्टी’’ ली थी और कथित तौर पर इस्तीफा देने के बाद भी बहुत हद तक वही फैसले कर रहे थे।
भाषा
खारी सिम्मी
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