मथुरा, 10 मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश के मथुरा में ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में फाल्गुन शुक्ल पक्ष की रंगभरनी एकादशी के मौके पर सोमवार को भक्तजनों के साथ टेसू और केसर मिश्रित गीले रंगों की होली की शुरुआत के साथ ही वृंदावन सहित ब्रज के सभी मंदिरों में गीले रंगों की होली खेलने का सिलसिला शुरू हो गया।
रंगभरनी एकादशी के मौके पर बिहारी जी महाराज ने मंदिर के जगमोहन में श्वेत पोशाक धारण कर, रजत सिंहासन पर विराजमान हो सोने-चांदी से बनी पिचकारी से भक्तों संग होली की शुरुआत कर दी। इस परंपरा के निर्वहन के साथ ही बिहारी जी सहित सभी मंदिरों में रंग वाली होली का आगाज हो गया।
मंदिर के सेवायत आचार्य प्रह्लाद वल्लभ गोस्वामी ने बताया कि रंगभरनी एकादशी पर बिहारी जी के लिए शुद्ध केसर का रंग बनाया जाता है और सेवायत सबसे पहले सोने-चांदी से निर्मित पिचकारी से ठाकुरजी के ऊपर रंग डालते हैं, जिसके बाद होली की परंपरागत शुरुआत होती है।
गोस्वामी के अनुसार, अब मंदिर में टेसू के रंग के साथ-साथ चोवा, चंदन और अबीर-गुलाल से होली खेली जाएगी और यह सिलसिला पूर्णिमा की शाम तक चलेगा।
उन्होंने बताया कि मंदिर की परंपरा के अनुसार यहां ठाकुरजी धुलेंडी वाले दिन भक्तों पर रंग नहीं डालते, बल्कि स्वर्ण सिंहासन पर गुलाबी पोशाक पहनकर राजा के रूप में बैठते हैं और अपने भक्तों को होली खेलते देखते हैं।
गोस्वामी के मुताबिक, इसी दिन सुबह मंदिर के सेवायत क्षेत्र में चौपई (भ्रमण) निकालते हैं, जिसके साथ गोस्वामी समाज के लोग समाज गायन (होली के पद) व बधाई गीत गाते चलते हैं।
ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के साथ ही ठाकुर राधावल्लभ, ठाकुर राधादामोदर, ठाकुर राधा श्यामसुंदर, ठाकुर राधारमण मंदिर, ठाकुर राधा गोपीनाथ, ठाकुर मदन मोहन मंदिर आदि सप्त देवालयों एवं यशोदानंदन धाम, गोदाहरिदेव दिव्य देश आदि मंदिरों में भी टेसू के रंगों का प्रयोग शुरू हो गया।
मंदिर के सेवायतों ने परंपरानुसार सोने-चांदी की पिचकारी से भक्तों पर टेसू और केसर मिश्रित रंग बरसाया, जिससे श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे। चारों ओर लाल, गुलाबी, नीले, पीले रंगों की बौछार से अद्भुत नजारा देखने को मिला।
रंगभरनी एकादशी पर हर साल राधावल्लभ मंदिर से निकाली जाने वाली परंपरागत प्रिया-प्रियतम की रंगीली होली शोभायात्रा मंदिर से अपराह्न एक बजे से प्रारंभ हुई और पूरे नगर में भ्रमण करती हुई शाम को मंदिर प्रांगण में संपन्न हुई। शोभायात्रा में प्रिया-प्रियतम के स्वरूप सुसज्जित रथ पर सवार होकर भक्तों संग होली खेलते जा रहे थे।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन भी मुस्तैद रहा। पुलिस ने शहर में प्रवेश के हर मार्ग पर तिपहिया और चौपहिया वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया था, ताकि यातायात सुचारू रहे। इस मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने नगर परिक्रमा की।
भाषा
सं. सलीम पारुल
पारुल