मुंबई, एक अप्रैल (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने एक नाबालिग छात्रा का साल 2023 में यौन उत्पीड़न करने के मामले में गिरफ्तार किए गए स्कूल बस चालक को जमानत देने से इनकार कर दिया है।
अदालत ने कहा कि अपराध ‘‘बहुत गंभीर और जघन्य’’ प्रकृति का है।
न्यायमूर्ति माधव जामदार की एकल पीठ ने इस मामले की सुनवाई जल्द से जल्द पूरी करने का भी निर्देश दिया है।
अदालत द्वारा 20 मार्च को दिए गए आदेश की एक प्रति मंगलवार को उपलब्ध कराई गई।
न्यायमूर्ति जामदार ने कहा कि आरोपी को बच्चों को सुरक्षित रूप से स्कूल लाने-ले जाने का काम सौंपा गया था, लेकिन बस रोक कर और बच्ची को एक सुनसान स्थान पर ले जा कर उसका यौन उत्पीड़न करना ‘‘बहुत ही गंभीर और जघन्य’’ अपराध है।
पीठ ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि जमानत देने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी ने दूसरी कक्षा की छात्रा का यौन उत्पीड़न किया था।
आरोपी ने यह कहते हुए जमानत देने का अनुरोध किया कि वह मार्च 2023 से जेल में है और दोषी पाए जाने पर उसे दी जाने वाली अधिकतम सजा का एक तिहाई हिस्सा वह पूरा कर चुका है।
न्यायमूर्ति जामदार ने कहा कि लंबी कैद के आधार पर जमानत देते समय भी अदालत को किए गए अपराध की प्रकृति और गंभीरता पर विचार करना होगा।
अदालत ने कहा, ‘‘रिकॉर्ड पर उपलब्ध सामग्री से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि आरोपी एक बहुत ही गंभीर और जघन्य अपराध में शामिल रहा है क्योंकि उसने आठ साल की बच्ची का यौन उत्पीड़न किया है। ’’
भाषा प्रीति नरेश
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