योगी आदित्यनाथ ने शारदीय नवरात्र की नवमी को कुंवारी कन्याओं का पूजन किया

Ankit
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(तस्वीरों के साथ)


गोरखपुर, 11 अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि पर गोरखनाथ मंदिर में कन्या पूजन किया।

योगी आदित्यनाथ ने शारदीय नवरात्र के महापर्व के रूप में मनाए जाने वाले महानवमी और विजयादशमी के अवसर पर उत्तर प्रदेश के लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

शुक्रवार को यहां गोरखनाथ मंदिर में ‘कन्या पूजन’ अनुष्ठान करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने इस परंपरा का महत्व बताया।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी समाज की ताकत और क्षमता इस बात से झलकती है कि वह अपनी महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार करता है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘‘जो समाज अपनी महिलाओं की पूजा और सम्मान करता है, वह स्वाभाविक रूप से सक्षम एवं शक्तिशाली होता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘नवरात्र केवल शक्ति की पूजा का पर्व नहीं है, बल्कि आधी आबादी वाली महिलाओं के सम्मान का भी प्रतीक है। प्राचीन काल से ही भारतीय ज्ञान में यह मान्यता रही है कि जहां महिलाओं की पूजा होती है, वहां दैवीय शक्तियां निवास करती हैं।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा सनातन धर्म की एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जो महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तीकरण सुनिश्चित करने की प्रेरणा देती है।

बयान के मुताबिक, शुक्रवार को गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने मंदिर स्थित अपने आवास परिसर के प्रथम तल पर परंपरागत रूप से पीतल के परात में जल से सभी नौ दुर्गा स्वरूपा कुंवारी कन्याओं के बारी-बारी पांव धोये, उनके माथे पर रोली, चंदन, दही, अक्षत और शक्तिपीठ की वेदी पर उगाई गई जई का तिलक लगाया।

बयान के अनुसार, उन्होंने उनका विधि- विधान से पूजन किया, चुनरी ओढाई, आरती उतारी तथा उनसे आशीर्वाद लिया।

मुख्यमंत्री ने परंपरा का निर्वहन करते हुए बटुक पूजन भी किया।

मुख्यमंत्री का प्यार-दुलार पाकर नन्हीं बालिकाओं एवं बटुकों की प्रसन्नता देखते ही बन रही थी। सत्कार और स्नेह के भाव से मुख्यमंत्री ने एक-एक कर नौ कन्याओं एवं बटुक भैरव के पांव पखारे और पूजन किया।

पूजन के बाद भोजन परोसते समय मुख्यमंत्री निरंतर संवाद भी करते रहे।

योगी ने इसके पूर्व प्रातःकाल के पूजन सत्र में मंदिर में मां सिद्धिदात्री की विधि-विधान से आराधना की।

भाषा जफर आनन्द

राजकुमार

राजकुमार



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