प्रयागराज, छह दिसंबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यूपी-पीसीएस-जे (मुख्य) परीक्षा 2022 में गंभीर अनियमितताओं के आरोपों से संबंधित रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को न्यायिक समीक्षा के लिए याचिकाकर्ताओं की मूल उत्तर पुस्तिकाएं सीलबंद लिफाफे में पेश करने का शुक्रवार को निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति दोनादी रमेश की पीठ ने उत्तर यूपीपीएससी को पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए लिखित परीक्षा और साक्षात्कार में याचिकाकर्ता परीक्षार्थियों द्वारा प्राप्त अंकों को सात दिसंबर तक वेबसाइट पर अपलोड करने का भी निर्देश दिया।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 दिसंबर की तारीख तय की।
श्रवण पांडे और अन्य याचिकाकर्ताओं ने यूपीपीएससी द्वारा मनमाने ढंग से अंक देने और अंकों के साथ अनधिकृत छेड़छाड़ किए जाने का दावा किया है। याचिकाकर्ताओं की दलील है कि कई सही उत्तर देने के बावजूद परीक्षार्थियों को अनुचित तरीके से ‘शून्य’ या काफी कम अंक दिए गए।
याचिकाकर्ताओं की चिंताओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए न्यायालय ने यूपीपीएससी को तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने का निर्देश दिया, जिसमें याचिकाकर्ताओं द्वारा लिखित परीक्षा और साक्षात्कार में प्राप्त अंकों को अपलोड करना शामिल है।
न्यायालय ने यूपीपीएससी को न्यायिक जांच के लिए मूल उत्तर पुस्तिकाएं प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया। पीठ ने कहा, ‘मूल, विवादित उत्तर पुस्तिकाएं न्यायालय के निरीक्षण के लिए सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत जाएं।’
भाषा राजेंद्र जोहेब
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