संयुक्त राष्ट्र, 24 जनवरी (भाषा) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की आतंकवाद रोधी समिति (सीटीसी) ने आतंकी गतिविधियों के लिए नयी और उभरती वित्तीय प्रौद्योगिकियों के उपयोग को रोकने के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों पर सहमति व्यक्त की है, जिसका उद्देश्य परिषद के अध्यक्ष के तौर पर भारत के कार्यकाल के दौरान आतंकवाद से लड़ने के लिए संयुक्त राष्ट्र निकाय द्वारा की गईं प्रतिबद्धताओं पर आगे बढ़ना है।
इस महीने की शुरुआत में अल्जीरिया की अध्यक्षता में आतंकवाद-रोधी समिति (सीटीसी) ने ‘अल्जीरिया मार्गदर्शक सिद्धांतों’ पर सहमति व्यक्त की थी।
सूत्रों ने बताया कि समिति ने अबू धाबी मार्गदर्शक सिद्धांतों के आधार पर यह सहमति व्यक्त की है। अबू धाबी मार्गदर्शक सिद्धांत यूएनएससी सीटीसी द्वारा अपनाए गए दिशा-निर्देश हैं। इन सिद्धांतों में आतंकवादी गतिविधियों के लिए मानव रहित विमान प्रणालियों (यूएएस) के उपयोग से निपटने की जानकारी दी गई है, जिन पर दिसंबर 2023 में सहमति बनी थी।
ये आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नयी और उभरती वित्तीय प्रौद्योगिकियों के उपयोग को रोकने के लिए सदस्य देशों के लिए गैर-बाध्यकारी मार्गदर्शक सिद्धांत हैं।
सूत्रों ने कहा कि ये मार्गदर्शक सिद्धांत “महत्वपूर्ण हैं” क्योंकि इन्हें अक्टूबर 2022 में आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नयी और उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग का मुकाबला करने को लेकर सुरक्षा परिषद द्वारा अपने दिल्ली घोषणापत्र में की गईं प्रतिबद्धताओं पर आगे बढ़ते हुए तैयार किया गया था।
अक्टूबर 2022 में, भारत की अध्यक्षता में सुरक्षा परिषद की आतंकवाद-रोधी समिति (सीटीसी) ने नयी दिल्ली और मुंबई में ‘आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नयी और उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग का मुकाबला करने’ के व्यापक विषय पर एक विशेष बैठक आयोजित की थी।
विशेष बैठक के परिणामस्वरूप, समिति ने आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नयी और उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग का मुकाबला करने के लिए ‘दिल्ली घोषणा’ को मंजूरी दी थी।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में अपने 2021-22 के कार्यकाल के दौरान, 2022 में सीटीसी की अध्यक्षता ग्रहण की थी।
भाषा
जोहेब मनीषा
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