मुंबई, सात अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने सोमवार को हिंदुत्व के सही चित्रण के साथ युवाओं को राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित करने के लिए एक विमर्श की आवश्यकता पर बल दिया।
मुंबई में एक पुस्तक विमोचन समारोह में बोलते हुए होसबाले ने कहा, ‘हमें एक ऐसे विमर्श की आवश्यकता है जो युवाओं को जागृत करे और उन्हें समाज के राष्ट्र निर्माण कार्य में शामिल करे।’
उन्होंने सामाजिक परिवर्तन की नींव के रूप में हिंदुत्व के महत्व पर भी बल दिया।
आरएसएस नेता ने कहा, “वित्त, न्यायपालिका और राजनीति में आधुनिक संरचनाएं आवश्यक हैं, लेकिन हमें अपने प्राचीन ज्ञान की भावना को वर्तमान काल में भी बरकरार रखना चाहिए। हम अभी गुरुकुल शिक्षण पद्धति नहीं ला सकते, लेकिन संरचनात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। समाज बदलता है, लेकिन कुछ शाश्वत सिद्धांत हैं।”
उन्होंने कहा कि विमर्श और चर्चाओं के युग में हमें हिंदुत्व को सही ढंग से प्रस्तुत करना होगा।
होसबाले ने कहा, “ अन्यथा, लोग इसे गलत समझ सकते हैं या अन्य लोग इसे गलत तरीके से प्रस्तुत करने के लिए इसे तोड़-मरोड़ सकते हैं। हमें इतिहास, सांस्कृतिक धाराओं और समाज के ज्ञान को उचित तरीके से प्रस्तुत करना चाहिए। हिंदुत्व आने वाले वर्षों के लिए प्रासंगिक है और इसके लिए हमें एक ठोस विमर्श की आवश्यकता है।”
उन्होंने कहा, ‘अब सही, उचित, राष्ट्रवादी और सार्वभौमिक विमर्श की आवश्यकता है।’
भाषा नोमान संतोष
संतोष