मौत की सजा पाने वाला पूर्व मुक्केबाज मुकदमे की दोबारा सुनवाई के बाद बरी |

Ankit
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तोक्यो, 26 सितंबर (एपी) जापान की एक अदालत ने 1966 में चार लोगों की हत्या से संबंधित मुकदमे की दोबारा सुनवाई के बाद बृहस्पतिवार को 88 वर्षीय पूर्व मुक्केबाज इवाओ हाकामदा को बरी कर दिया। अदालत ने पिछले अदालती फैसले को पलट दिया, जिसके तहत उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी।


शिजूका जिला अदालत ने उन्हें बरी करने का फैसला सुनाया। इसके साथ ही हाकामदा जापान में ऐसे पांचवे व्यक्ति बन गए, जिन्हें पहले मौत की सजा सुनाई गई और फिर मुकदमे की दोबारा सुनवाई के बाद बरी कर दिया गया।

हाकामदा के वकील ने बताया कि न्यायाधीश कोशी कुनई ने कहा कि अदालत कई झूठे साक्ष्य पेश किए जाने की दलील स्वीकार करती है और हाकामदा अपराधी नहीं हैं।

इस फैसले के बाद हाकामदा की 91 वर्षीय बहन खिलखिलाकर मुस्कुराते हुए अदालत से बाहर आईँ और कहा, “ आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया, इतने लंबे समय तक हमारा साथ देने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार।”

हाकामदा को 1966 में एक कंपनी के प्रबंधक तथा उसके परिवार के तीन सदस्यों की हत्या करने और मध्य जापान में स्थित उनके घर को आग लगाने का दोषी करार दिया गया था। उन्हें 1968 में मौत की सजा सुनाई गई थी, लेकिन लंबी अपील प्रक्रिया और मुकदमे की दोबारा सुनवाई के चलते उन्हें दी गई सजा पर अमल नहीं किया गया था।

उन्होंने कुल 48 साल जेल में गुजारे, जिनमें से 45 वर्ष उन्हें मौत की सजा सुनाए जाने के बाद काटने पड़े। एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार वह दुनियाभर में, मौत की सजा सुनाए जाने के बाद सबसे लंबे समय तक जेल में रहने वाले व्यक्ति बन गए हैं।

एपी जोहेब माधव

माधव



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