नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) बेंगलुरू एफसी के कप्तान सुनील छेत्री ने स्वीकार किया कि इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के फाइनल में मोहन बागान सुपर जायंट से मिली हार से उन्हें काफी निराशा हुई है।
उन्होंने कहा कि इस साल उन्होंने क्लब और देश दोनों के लिए शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन इस बार वह बेशकीमती घरेलू ट्रॉफी नहीं जीत पाए।
बेंगलुरू एफसी को 12 अप्रैल को कोलकाता में आईएसएल के फाइनल में मोहन बागान सुपर जायंट से 1-2 से हार का सामना करना पड़ा था।
चालीस साल के छेत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, ‘‘ मैं जानता हूं कि आप सभी कैसा महसूस कर रहे होंगे। हारना बहुत बुरा लगता है और इस हार की कसक कुछ समय तक जहन में रहेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने वही किया जो फाइनल हारने के बाद कोई भी करता है। मैं बस सोचता रहा कि हम क्या बेहतर कर सकते थे। हम फ्री किक, हेडर और आधे मौके को कैसे भुना सकते थे।’’
बीएफसी ने छेत्री की कप्तानी में 2018-19 में खिताब जीता था लेकिन इस करिश्माई खिलाड़ी के लिए 40 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास लेने के बाद कप उठाना और राष्ट्रीय टीम में वापसी करना किसी परीकथा की तरह होता।
वह इस आईएसएल सत्र में 28 मैचों में 14 गोल कर भारतीयों में सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी रहे। वह मोरक्को और नॉर्थईस्ट यूनाइटेड के स्ट्राइकर अलादीन अजराई (28 मैच में 23 गोल) के बाद सबसे ज्यादा गोल करने के मामले में दूसरे स्थान पर हैं।
उन्होंने 2015 से आईएसएल में 183 मैचों में 75 गोल किए हैं। वह इस लीग की शुरुआत से ही बीएफसी के लिए खेलते आए हैं।
उन्होंने लिखा, ‘‘ मैं यही सलाह दूंगा कि आप आइसक्रीम के टब में जाकर डूब जाएं। सोमवार को चीट मील (खाना) लें। जिम न जाएं। बेहतर महसूस करने के लिए जो भी करना पड़े, करें। कुछ दिनों के बाद यह निराशा खत्म हो जायेगी। यह टीस हालांकि तभी खत्म होगी जब हम जीतेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ आप इस टीम से प्यार करते हैं क्योंकि आप जानते हैं कि हम कैसे बने हैं। किसी भी चीज को इसे बदलने न दें। हम कई फाइनल हारे हैं और हमने मजबूती से वापसी की है। यही एकमात्र तरीका है जिससे हम बीएफसी में काम करना जानते हैं।’’
छेत्री ने जून 2024 में अंतरराष्ट्रीय संन्यास की घोषणा की थी, लेकिन मार्च में भारत के दो मैचों (मालदीव के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैच और बांगलदेश के खिलाफ एएफसी एशियाई कप क्वालीफाइंग दौर का मैच) में खेलने के लिए चौंकाने वाली वापसी की।
भाषा आनन्द सुधीर
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