(फाइल फोटो सहित)
तिरुवनंतपुरम, 30 मार्च (भाषा) अभिनेता मोहनलाल ने हाल में रिलीज हुई अपनी फिल्म ‘एल2: एम्पुरान’ को लेकर शुरू हुए विवाद पर रविवार को खेद जताया और आश्वासन दिया कि फिल्म से विवादास्पद हिस्से हटा दिए जाएंगे।
वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन ने पृथ्वीराज निर्देशित फिल्म को अपना समर्थन दिया और इसके निर्माताओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर हमले के लिए संघ परिवार की आलोचना की।
राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित अभिनेता मोहनलाल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में फिल्म की टीम की ओर से ‘गंभीर खेद’ व्यक्त किया। बाद में अभिनेता-निर्देशक पृथ्वीराज और निर्माताओं में से एक एंटनी पेरुम्बवूर ने अपने-अपने अकाउंट पर इस पोस्ट को साझा किया।
फिल्म के कुछ हिस्सों को लेकर संघ परिवार की तीखी आलोचना के बीच मोहनलाल ने फेसबुक पर अपने पोस्ट में कहा, ‘‘एक कलाकार के तौर पर यह सुनिश्चित करना मेरा कर्तव्य है कि मेरी कोई भी फिल्म किसी राजनीतिक आंदोलन, विचारधारा या धार्मिक समुदाय के प्रति नफरत को बढ़ावा न दे। इसे ध्यान में रखते हुए, मैं और ‘एम्पुरान’ की टीम उन सभी परेशानियों के लिए ईमानदारी से खेद व्यक्त करते हैं, जो मुझसे प्यार करने वालों को हुई हैं।’’
अभिनेता ने कहा, ‘‘हम यह भी मानते हैं कि इसके लिए हम सभी जिम्मेदार हैं, जिन्होंने फिल्म पर काम किया है। इस बात को समझते हुए हमने सामूहिक रूप से फिल्म से ऐसे हिस्सों को हटाने का निर्णय लिया है।’’
उन्होंने कहा कि पिछले चार दशकों से वह अपना फिल्मी जीवन लोगों के बीच रहकर जी रहे हैं। मोहनलाल ने कहा, ‘‘आपका प्यार और विश्वास ही मेरी एकमात्र ताकत है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि इससे परे कोई मोहनलाल नहीं है।’’
पृथ्वीराज की मां और अभिनेत्री मल्लिका सुकुमारन ने आरोप लगाया कि इस विवाद में उनके बेटे को बलि का बकरा बनाने का प्रयास किया गया है। मल्लिका ने कहा कि पृथ्वीराज ने किसी को भी धोखा नहीं दिया है-न ही मोहनलाल को और न ही पेरुम्बवूर को, जैसा कि लोगों का एक वर्ग दावा कर रहा है।
फेसबुक पर पोस्ट में पृथ्वीराज की मां ने यह भी कहा कि फिल्म से जुड़े सभी लोगों ने मिलकर पटकथा पढ़ी और सभी दृश्यों की साथ मिलकर समीक्षा की।
इससे पहले, मुख्यमंत्री विजयन ने मोहनलाल अभिनीत फिल्म ‘एल2: एम्पुरान’ का समर्थन किया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) तथा इससे संबद्ध संगठनों पर ‘‘भय का माहौल’’ पैदा करने का आरोप लगाया।
फेसबुक पर एक तीखे पोस्ट में वामपंथी नेता ने कहा कि फिल्म में देश में हुए ‘‘सबसे बर्बर नरसंहारों’’ में से एक का जिक्र है। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे संघ परिवार और उसके आका नाराज हो गए हैं।
मुख्यमंत्री ने यह पोस्ट शनिवार शाम यहां एक मल्टीप्लेक्स थिएटर में अपने परिवार के सदस्यों के साथ पृथ्वीराज निर्देशित फिल्म देखने के एक दिन बाद किया।
मलयालम फिल्म उद्योग को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने वाली फिल्म के रूप में ‘एम्पुरान’ की प्रशंसा करते हुए विजयन ने कहा कि उन्होंने यह फिल्म ऐसे समय देखी है जब संघ परिवार ने फिल्म और इसके कलाकारों के खिलाफ व्यापक घृणा अभियान चलाया हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ऐसी खबरें भी आई हैं कि निर्माताओं को इस दबाव में फिल्म को दोबारा सेंसर करने और संपादित करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। संघ परिवार द्वारा बनाया गया भय का यह माहौल चिंता का विषय है।’’
उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है कि कलाकारों पर केवल इसलिए क्रूर हमला करें क्योंकि उन्होंने सांप्रदायिकता के खिलाफ आवाज उठाई और इसकी भयावहता को चित्रित किया है।
विजयन ने कहा, ‘‘लोकतांत्रिक समाज में नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा की जानी चाहिए। कलाकृतियों और कलाकारों को नष्ट करने और उन पर प्रतिबंध लगाने के हिंसक आह्वान फासीवादी मानसिकता की नयी अभिव्यक्तियां हैं। यह लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है।’’
उन्होंने कहा कि फिल्में बनाने, उन्हें देखने, उनका आनंद लेने और उनका मूल्यांकन करने या उनसे सहमत या असहमत होने के अधिकारों को नहीं खोना चाहिए।
राज्य के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता ई पी जयराजन भी ‘एम्पुरान’ फिल्म के निर्माताओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर हो रहे हमले के खिलाफ सामने आए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सतीशन ने ‘एम्पुरान’ फिल्म के निर्माताओं को अपना पूरा समर्थन दिया और संघ परिवार पर इतिहास को विकृत करने का आरोप लगाया।
फेसबुक पर एक पोस्ट में सतीशन ने आरोप लगाया कि संघ परिवार का मानना है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब है अपने पक्ष में चीजें करने की स्वतंत्रता। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘उनका एजेंडा ऐसे दोषपूर्ण कार्यों का जश्न मनाना है।’’
सतीशन ने कहा कि सिनेमा कलाकारों के एक समूह की रचना है, तथा सोशल मीडिया के माध्यम से धमकी, अपमान और अपमान करके कला के किसी कार्य की विषय-वस्तु को बदलवाना सफलता नहीं है।
विपक्ष के नेता ने कहा, ‘‘यह कट्टरपंथ की विफलता और कायरता का संकेत है। यह मत भूलिए कि चाहे आप इसे कितना भी छिपाने की कोशिश करें, ऐतिहासिक सत्य हमेशा स्पष्ट रहेंगे।’’
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह फिल्म जरूर देखेंगे।
हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि वह ‘एल2: एम्पुरान’ नहीं देखेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे इस तरह के फिल्म निर्माण से निराश हैं।
चंद्रशेखर ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैंने ‘लूसिफर’ देखी थी और मुझे यह पसंद आई थी। जब मैंने सुना कि यह ‘लूसिफर’ की अगली कड़ी है, तो मैंने कहा था कि मैं ‘एम्पुरान’ फिल्म देखूंगा।’’
इससे पहले, चंद्रशेखर ने पार्टी के वरिष्ठ नेता एम टी रमेश के इस रुख का समर्थन किया था कि फिल्म को फिल्म की तरह ही देखा जाना चाहिए।
पृथ्वीराज द्वारा निर्देशित ‘लूसिफर’ फिल्म का दूसरा भाग दक्षिणपंथी राजनीति की आलोचना और गुजरात दंगों के परोक्ष उल्लेख के कारण चर्चा का विषय बन गया है।
बृहस्पतिवार को फिल्म के रिलीज के पहले दिन ही आरएसएस से जुड़े संगठनों ने सोशल मीडिया पर फिल्म की तीखी आलोचना की, जबकि कांग्रेस और वामपंथी दलों के एक वर्ग ने दक्षिणपंथी राजनीति को ‘‘खलनायक’’ के रूप में चित्रित करने के लिए फिल्म की सराहना की।
भाषा आशीष नरेश
नरेश