मोबाइल फोन उद्योग डिजाइन, निर्यात अवसरों का उपयोग करे: सूचना प्रौद्योगिकी सचिव |

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नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सचिव एस कृष्णन ने बुधवार को उद्योग जगत से कहा कि उन्हें ‘भारत में डिजाइन और भारत के विकसित’ मोबाइल फोन का लक्ष्य रखना चाहिए। उन्होंने मूल्य श्रृंखला के डिजाइन को नजरअंदाज नहीं करने को कहा।


कृष्णन ने ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम (बीआईएफ) कार्यक्रम में यह भी कहा कि भारत को खुद को एक प्रतिस्पर्धी गंतव्य के रूप में स्थापित करना चाहिए जहां कंपनियां घरेलू बाजार के साथ-साथ निर्यात के लिए भी विनिर्माण कर सकें।

उन्होंने कहा कि घरेलू बाजार के समग्र आकार और हैंडसेट के औसत अपेक्षित जीवनकाल की पृष्ठभूमि में देखा जाए तो मात्रा के मामले में देश में विनिर्मित मोबाइल फोन ‘स्थिर स्थिति’ में पहुंच गए हैं।

सचिव ने कहा कि यहां से उत्पादन क्षमताओं के महत्तम उपयोग के लिए कंपनियों को निर्यात बाजारों का भी उपयोग करने की जरूरत होगी।

उन्होंने कहा कि कंपनियों को ‘भारत में विकसित डिजाइन’ वाले मोबाइल फोन के बारे में सोचने की जरूरत है। डिजाइन और विनिर्माण क्षमताओं दोनों की ताकत के आधार पर आगे बढ़ने से देश में अधिक मूल्य सृजन होगा।

कृष्णन ने कहा कि यह सवाल उठ रहा है कि ‘भविष्य का डिजाइन’ कैसा होगा, इसका उत्तर अन्य देशों के साथ-साथ भारत भी दे सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास जिस तरह की डिजाइन की ताकत है, और जिस तरह की क्षमताएं हैं, उसे देखते हुए डिजाइन की बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। यह मोबाइल उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण लक्ष्य होना चाहिए।’’

कृष्णन ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र बढ़कर लगभग 115 अरब डॉलर हो गया है, जिसमें से मोबाइल फोन सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस क्षेत्र का लगभग 45 प्रतिशत हिस्सा है। मोबाइल फोन का कुल विनिर्माण वर्तमान में लगभग 4.2 लाख करोड़ रुपये यानी लगभग 52.5 अरब डॉलर का है.. इसके साथ यह इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।’’

भाषा

रमण अजय

अजय



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