मोदी, मैक्रों ने रक्षा संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की

Ankit
4 Min Read


पेरिस, 12 फरवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बुधवार को ‘‘गहन एवं दीर्घकालिक’’ रक्षा सहयोग पर जोर देते हुए भारत में ‘स्कॉर्पीन’ पनडुब्बियों के निर्माण में सहयोग की प्रगति की सराहना की तथा दोनों देशों ने मिसाइलों, हेलीकॉप्टर इंजन और जेट इंजन पर जारी चर्चाओं का स्वागत किया।


मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान जारी संयुक्त बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने फ्रांसीसी सेना को पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्च (एमबीआरएल) प्रणाली को ‘करीब से देखने’ के लिए आमंत्रित किया और इस बात पर जोर दिया कि ‘फ्रांस द्वारा इस प्रणाली का अधिग्रहण भारत-फ्रांस रक्षा संबंधों में एक और मील का पत्थर होगा।’

दोनों नेताओं ने वैश्विक और क्षेत्रीय मामलों के अलावा “असाधारण रूप से मजबूत और बहुआयामी” द्विपक्षीय सहयोग के संपूर्ण पहलुओं पर द्विपक्षीय चर्चा की।

बयान में कहा गया है, “ रक्षा क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास साझेदारी को और मजबूत करने के लिए दोनों नेताओं ने डीजीए और डीआरडीओ के बीच रक्षा प्रौद्योगिकियों में सहयोग के लिए तकनीकी व्यवस्था के माध्यम से अनुसंधान एवं विकास ढांचे को शीघ्र जारी करने पर जोर दिया।

‘डायरेक्शन जनरल डी लारमेमेंट’ (डीजीए) फ्रांस में उद्योग के साथ आयुध कार्यक्रमों का समन्वय करता है और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) भारत का प्रमुख अनुसंधान एवं विकास संगठन है।

उन्होंने दीर्घकालिक वैश्विक चुनौतियों और वर्तमान अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों पर भी व्यापक चर्चा की तथा बहुपक्षीय पहल और संस्थाओं के माध्यम से अपने वैश्विक और क्षेत्रीय जुड़ाव को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।

दोनों नेताओं के बीच “पश्चिम एशिया और यूक्रेन युद्ध सहित अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विस्तृत बातचीत हुई।”

बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने “स्वतंत्र, खुले, समावेशी, सुरक्षित और शांतिपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र” के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया।

इसके मुताबिक, दोनों नेताओं ने भारत में ‘स्कॉर्पीन’ पनडुब्बियों के निर्माण में सहयोग की प्रगति की सराहना की जिसमें स्वदेशीकरण भी शामिल है।

दोनों नेताओं ने 15 जनवरी को पी75 स्कॉर्पीन श्रेणी परियोजना की छठी और अंतिम पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर के जलावतरण का स्वागत किया।

बयान में कहा गया है, “ दोनों पक्षों ने मिसाइलों, हेलीकॉप्टर इंजन और जेट इंजन के क्षेत्र में जारी चर्चाओं का स्वागत किया। उन्होंने सफ्रान समूह की संबंधित संस्थाओं और उनके भारतीय समकक्षों के बीच उत्कृष्ट सहयोग का भी स्वागत किया।”

फ्रांस में मीडिया को जानकारी देते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बुधवार को कहा कि उन्होंने रक्षा, अंतरिक्ष और असैन्य परमाणु सहयोग, स्वास्थ्य और लोगों के बीच संबंधों के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की।

बयान के मुताबिक, “इसके अलावा, राष्ट्रपति मैक्रों ने ओसीसीएआर द्वारा प्रबंधित यूरोड्रोन एमएएलई कार्यक्रम में भारत को पर्यवेक्षक के रूप में शामिल करने के निर्णय का स्वागत किया, जो रक्षा उपकरण कार्यक्रमों में हमारी साझेदारी की बढ़ती ताकत की दिशा में एक और कदम है।”

भाषा

नोमान नरेश

नरेश



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *