(पराग दवे)
गांधीनगर, नौ अगस्त (भाषा) मॉरीशस के वित्तीय सेवा एवं सुशासन मंत्री सोमिलदुथ भोला ने कहा है कि उनका देश कभी भी कर-पनाहगाह नहीं रहा है।
भोला एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मॉरीशस और भारत के वित्तीय केंद्रों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) ‘गिफ्ट सिटी’ के दौरे पर यहां आए थे।
भोला ने हिंद महासागर में स्थित मॉरीशस के कर पनाहगाह होने की धारणा से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, “मुझे स्पष्ट करने दें कि हमारा वित्तीय सेवा क्षेत्र दशकों से विकसित हुआ है। यह व्यापक अनुभव और कई लाभ के साथ एक विश्वसनीय क्षेत्राधिकार है। हम कर पनाहगाह नहीं हैं और न ही कभी रहे हैं।”
मंत्री ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, “कुछ वर्ष पहले हमें ओईसीडी (आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन) तथा यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ अनुपालन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण हमें उनकी नकारात्मक सूचियों में स्थान मिला। हालांकि, हमने अपनी प्रतिष्ठा को बहाल करने के लिए लगन से काम किया और रिकॉर्ड 20-21 महीनों में यह उपलब्धि हासिल की। अब हम पूरी तरह से वापस आ गए हैं, और कई निवेशक मॉरीशस में भरोसा करना और व्यापार करना जारी रखे हुए हैं।”
उन्होंने कहा, “ओईसीडी हमारे आर्थिक विकास को मान्यता देता है। यह चार मानदंडों के आधार पर कर-पनाहगाह को परिभाषित करता है। ये मानदंड शून्य या न्यूनतम कर दरें, पारदर्शिता का अभाव, सूचना का आदान-प्रदान न होना, तथा कोई महत्वपूर्ण गतिविधियां न होना हैं।”
भोला ने कहा, “मॉरीशस इनमें से किसी भी मानदंड को पूरा नहीं करता है। हमारे पास पर्याप्त व्यावसायिक संचालन हैं, सूचना विनिमय के लिए 184 से अधिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) हैं और ओईसीडी द्वारा समर्थित 15 प्रतिशत की स्थिर कॉरपोरेट कर की दर है।”
भाषा अनुराग अजय
अजय
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