मेरे लिए जवाब ढूंढना मुश्किल था: लक्ष्य सेन |

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(अमनप्रीत सिंह)


पेरिस, पांच अगस्त (भाषा) मलेशिया के ली जी जिया के खिलाफ कांस्य पदक के मुकाबले के दौरान क्या गलत हुए यह समझाने में लक्ष्य सेन को संघर्ष करना पड़ा और उन्होंने कहा कि मेरे लिए जवाब ढूंढना मुश्किल था।

लक्ष्य ने पहला गेम जीतने के बाद दूसरे गेम में भी मजबूत बढ़त बना ली थी लेकिन दुनिया के सातवें नंबर के खिलाड़ी ली ने लगातार नौ अंक के साथ वापसी की और भारतीय खिलाड़ी को 13-21 21-16 21-11 से हरा दिया।

लक्ष्य ने कहा, ‘‘मैंने इस मैच की शुरुआत वास्तव में अच्छी की लेकिन मैं बढ़त बरकरार नहीं रख सका और फिर जब उसने अच्छा खेलना शुरू किया तो मेरे लिए रैलियों का जवाब ढूंढना मुश्किल हो गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कुल मिलाकर परिणामों से थोड़ा निराश हूं।’’

यह लगातार दूसरा मैच था जब लक्ष्य ने बेहतर स्थिति में होने के बावजूद मैच गंवा दिया।

रविवार को भी लक्ष्य ने पहले गेम में तीन गेम प्वाइंट गंवाए और फिर दूसरे गेम में विक्टर एक्सेलसन के खिलाफ 7-0 की बढ़त गंवाकर मैच भी गंवा दिया। वह ओलंपिक पदक जीतने वाला पहला भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी बनने के लिए चुनौती पेश कर रहे थे और ये दो हार उन्हें लंबे समय तक परेशान करेंगी।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता। मैं वास्तव में नहीं जानता कि दोनों की तुलना कैसे की जाए। दोनों वास्तव में महत्वपूर्ण मैच थे और मुझे नहीं पता।’’

लक्ष्य ने कहा, ‘‘ऐसे समय में आपको मानसिक रूप से बहुत मजबूत होना पड़ता है। उन्हें श्रेय जाता है कि उन्होंने दूसरे हाफ में ठोस खेल दिखाया।’’

लक्ष्य ने कहा कि जब ली ने आक्रमण शुरू किया तो वह दबाव नहीं झेल पाए।

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ अप्रत्याशित गलतियां हुईं। वह दूसरे हाफ में वास्तव में तेज खेल दिखा रहा था।’’

यह पहली बार नहीं है कि सेन को किसी बड़े मैच में दबाव की स्थिति का सामना करना पड़ा हो, इससे पहले उन्होंने एशियाई खेलों, थॉमस कप और विश्व चैंपियनशिप में भाग लिया था और पदक जीते थे।

क्या यह ओलंपिक का दबाव था?

लक्ष्य ने कहा, ‘‘मैं बैठकर विश्लेषण करूंगा कि अगले टूर्नामेंट में मैं क्या बेहतर कर सकता हूं।’’

लक्ष्य ने स्पष्ट किया कि दाहिनी कोहनी में मामूली चोट परिणाम में कोई कारक नहीं थी।

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक खरोंच है और कोर्ट पर हाथ से थोड़ा खून निकल रहा था। इसलिए उन्हें खेल को बीच में रोकना पड़ा। कुल मिलाकर, हाथ ठीक है।’’

भाषा सुधीर आनन्द

आनन्द



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