नागपुर (महाराष्ट्र), 20 मार्च (भाषा) नागपुर में मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने इस सप्ताह की शुरुआत में विदर्भ के सबसे बड़े शहर में हुई हिंसा की बृहस्पतिवार को निंदा की और इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की।
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को शांति बहाली के लिए दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों से मिलना चाहिए।
छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन के दौरान आयत लिखी चादर जलाए जाने की अफवाहों के बीच हिंसक भीड़ ने सोमवार रात मध्य नागपुर के कई इलाकों में उत्पात मचाया था।
डॉ. मोहम्मद औवेस हसन ने प्रेसवार्ता में कहा, ‘‘पिछले दो-तीन साल से मुस्लिम समुदाय को विभिन्न तरीकों से भड़काने की कोशिश की जा रही है। एक मंत्री लगातार औरंगजेब का मुद्दा उठा रहे हैं। मुस्लिम समुदाय का औरंगजेब से कोई संबंध नहीं है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि दक्षिणपंथी संगठनों ने इस्लामी आयत लिखी चादर जलाई, जिससे मुसलमानों के एक वर्ग में ‘‘अचानक प्रतिक्रिया’’ हुई।
प्रेस वार्ता को संबोधित करने वालों ने पुलिस के प्रयासों की सराहना की, लेकिन कुछ सदस्यों ने आरोप लगाया कि हिंसा की जांच के तहत कुछ निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इस बीच, महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख प्यारे खान ने बृहस्पतिवार को एक बैठक की, जिसमें पुलिस आयुक्त और जिला कलेक्टर सहित अन्य लोग शामिल हुए।
उन्होंने पुलिस से आग्रह किया कि निर्दोष लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।
खान ने रमजान के मद्देनजर प्रशासन से मोमिनपुरा और आस-पास के इलाकों में कर्फ्यू में ढील देने को भी कहा क्योंकि इससे व्यापार प्रभावित हो रहा है।
भाषा शफीक नेत्रपाल
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