मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन, पुलिस वाहनों में आग लगाई गई

Ankit
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(तस्वीरों के साथ)


बहरामपुर (प. बंगाल), आठ अप्रैल (भाषा) पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में मंगलवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर कथित तौर पर पथराव किया गया और उसके वाहनों में आग लगा दी गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

यह घटना जंगीपुर इलाके में हुई, जहां दोपहर में बड़ी संख्या में लोग इस कानून को वापस लेने की मांग को लेकर एकत्र हुए थे।

जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रदर्शनकारियों ने इलाके में तैनात पुलिस पर पथराव किया और कुछ पुलिस वाहनों में आग लगा दी गई।’’

उन्होंने कहा कि घटना के बाद इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अधिकारी ने बताया कि झड़प में कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए।

राज्य के मंत्री और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की और कहा कि वामपंथी शासन के दौरान भी अल्पसंख्यकों के साथ पुलिस द्वारा ऐसा व्यवहार नहीं किया जाता था।

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चौधरी ने कहा, ‘‘वामपंथी शासन के दौरान भी पुलिस ने अल्पसंख्यकों पर कभी लाठीचार्ज नहीं किया। अगर किसी ने हिंसा का सहारा लिया है तो जाहिर तौर पर कार्रवाई की जानी चाहिए। लेकिन एक रैली पर लाठीचार्ज करना अस्वीकार्य है।’’

दूसरी ओर, भाजपा ने इस स्थिति के लिए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को दोषी ठहराया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर ‘‘अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण’’ में लिप्त होने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने का आरोप लगाया।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि एक विशेष समुदाय ने मुर्शिदाबाद में दंगा किया, पुलिस वाहनों को आग लगा दी और सरकारी संपत्ति को नष्ट कर दिया, जबकि मुख्यमंत्री ‘‘चुप्पी’’ साधे रहीं।

लोकसभा और राज्यसभा ने क्रमशः तीन अप्रैल और चार अप्रैल की मध्य रात्रि के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक पारित किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पांच अप्रैल को प्रस्तावित कानून को अपनी मंजूरी दे दी थी।

भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने विधेयक का समर्थन किया, वहीं विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन ने इसका विरोध किया।

कई मुस्लिम संगठनों और विपक्षी सांसदों ने कानून के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

सत्तारूढ़ गठबंधन ने इसे पारदर्शिता बढ़ाने और पिछड़े मुसलमानों एवं समुदाय की महिलाओं के लिए सशक्तीकरण का कदम बताया है। वहीं, विपक्ष ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए कहा है कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम मुसलमानों के अधिकारों का हनन करता है।

भाषा शफीक सुरेश

सुरेश



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