कोलकाता, 22 मार्च (भाषा) रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के कप्तान रजत पाटीदार ने कहा कि मैच से पहले उन पर कुछ दबाव था, लेकिन दिग्गज विराट कोहली से समर्थन मिलने और गेंदबाजों के टीम की रणनीतियों पर टिके रहने के बाद यह दबाव कम हो गया।
पाटीदार ने आरसीबी कप्तान के रूप में अपने कार्यकाल की शानदार शुरुआत की और शनिवार को यहां आईपीएल 2025 के शुरुआती मैच में अपनी टीम को कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) पर सात विकेट से जीत दिलाई।
पाटीदार ने मैच के बाद पुरस्कार समारोह में कहा, ‘‘मेरे ऊपर दबाव था, लेकिन यह मेरे लिए अच्छा दिन था। उम्मीद है कि ऐसे और दिन आएंगे। विराट कोहली के कप्तान तौर पर खेलना बहुत अच्छा लगता है। वह काफी समर्थन करते हैं, सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक से सीखने का यह एक शानदार मौका है।’’
पाटीदार ने स्पिनर क्रुणाल पांड्या की सराहना की, जिन्हें बाद में प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। उन्होंने बीच के ओवरों में इस वामहस्त स्पिनर के साथ लेग स्पिनर सुयश शर्मा का अच्छा इस्तेमाल किया।
केकेआर ने कप्तान अजिंक्य रहाणे और सुनील नारायण की आक्रामक शतकीय साझेदारी से अच्छी शुरुआत की थी लेकिन इन स्पिनरों ने बीच के ओवरों में मैच का पासा पलट दिया।
पाटीदार ने कहा, ‘‘“हम (आंद्रे) रसेल का विकेट चाहते थे, उनका (सुयश) रन देना मायने नहीं रखता था। वह हमारे मुख्य गेंदबाजों में से एक हैं, हमने उनका समर्थन किया। सारा श्रेय क्रुणाल और सुयश को जाता है क्योंकि 13वें ओवर में उनकी टीम 130 रन पर थी। इसके बाद गेंदबाजों ने साहस और दृढ़ संकल्प दिखाया।’
कृणाल ने कहा कि उन्होंने गति में बदलाव कर बल्लेबाजों को चकमा दिया।
इस हरफनमौला खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ मैं सिर्फ 11वें ओवर में वापसी पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहता था इसलिए, मैं तेज गेंदबाजी करना चाहता था, गति में बदलाव करना कारगर रहा।’’
केकेआर के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने कहा कि उनकी टीम को जल्द से जल्द एक इकाई के रूप में सुधार करना होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘“हम 13वें ओवर तक अच्छा खेल रहे थे, लेकिन दो-तीन विकेट गंवाने से लय बिगड़ गयी। हमें अपनी गलतियों से सीखना होगा। जब वेंकटेश (अय्यर) और मैं बल्लेबाजी कर रहे थे, तब हमें लगा कि इस पिच पर 210-220 का स्कोर बनना चाहिये, लेकिन हमने विकेट गवां दिए।’’
उन्होने कहा, ‘‘ मैदान पर ओस थी, लेकिन उनका पावर प्ले बहुत अच्छा था। हम शुरुआती विकेट नहीं ले पाए। हम इस मैच के बारे में बहुत ज्यादा नहीं सोचना चाहते हैं और एक इकाई के रूप में सुधार करना चाहते हैं।’’
भाषा आनन्द
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