मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश के बाद बसंत पंचमी स्नान की पूर्ण तैयारी |

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महाकुंभ नगर, दो फरवरी (भाषा) महाकुंभ के अंतिम अमृत स्नान पर्व बसंत पंचमी पर मेला प्रशासन और पुलिस को ‘‘शून्य त्रुटि’’ के साथ सकुशल स्नान संपन्न कराने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है और एडीजी भानु भास्कर स्वयं मेला क्षेत्र में भीड़ नियंत्रण व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं।


मौनी अमावस्या को संगम नोज पर घटी भगदड़ की घटना के बाद शनिवार को पहली बार प्रयागराज आए मुख्यमंत्री ने घटनास्थल का निरीक्षण किया था और अस्पताल जाकर घायलों से मिलकर उनका हालचाल जाना था। इस बीच, मुख्यमंत्री ने बसंत पंचमी स्नान के लिए तैयारियों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को ‘‘शून्य त्रुटि’’ के साथ स्नान संपन्न कराने के निर्देश दिए थे।

रविवार की सुबह एडीजी भानु भास्कर मेला प्राधिकरण भवन में स्थित ‘इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर’ (आईसीसीसी) पहुंचे जहां उन्होंने स्क्रीन पर पूरे मेला क्षेत्र, चौराहों और मेला प्रवेश स्थलों को देखा और घाट से भीड़ खाली कराने के लिए स्वयं लाउडस्पीकर पर निर्देश दिया।

आईसीसीसी से माइक पर उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा, ‘‘कृपया घाट पर स्नान करने के बाद अनावश्यक ना बैठें और घाट खाली करें जिससे दूसरे श्रद्धालु स्नान कर सकें। घाट पर खाना पीना ना करें और दूसरी जगह जाकर खानपान करें।’’

इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए रविवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘महाकुंभ में मां गंगा, यमुना और सरस्वती की दिव्य धाराओं में पवित्र अमृत स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित करने वाले सभी श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई।’’

मेला प्रशासन द्वारा जारी बयान के मुताबिक, अरैल से झूंसी जाने के लिए पुल संख्या 28 खुला है। संगम से झूंसी जाने के लिए पुल संख्या 2, 4, 8, 11, 13, 15, 17, 20, 22, 23 और 25 खुले हैं। वहीं, झूंसी संगम जाने के लिए श्रद्धालु पुल संख्या 16, 18, 21 और 24 का प्रयोग कर सकेंगे। जबकि झूंसी से अरैल जाने के लिए पुल संख्या 27 और 29 खुले हैं।

संगम स्नान करने के बाद गाजियाबाद वापस जा रहीं रूपम चंद्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘संगम घाट पर स्नान के बाद श्रद्धालुओं को वहां से हटाया जा रहा है। हर तरफ पुलिसकर्मी घाट खाली करने के लिए कह रहे हैं। इसलिए हम स्नान के बाद तुरंत वहां से चल दिए।’’

जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने बसंत पंचमी के अमृत स्नान को लेकर कहा, “मौनी अमावस्या के बाद बसंत पंचमी के अवसर पर आयोजित अमृत स्नान में सभी अखाड़े पूर्व निर्धारित क्रमानुसार सम्मिलित होंगे। महाकुंभ के अद्भुत अलौकिक व्यवस्था से हम सभी अत्यंत हर्षित एवं गौरवान्वित हैं।”

इस बीच, सरकार ने बसंत पंचमी पर ‘ऑपरेशन इलेवन’ से भीड़ प्रबंधन की योजना बनाई है। सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिहाज से सोमवार को एकल मार्ग की व्यवस्था लागू रहेगी। वहीं, त्रिवेणी के घाटों पर अत्यधिक दबाव रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल लगाए जा रहे हैं।

इसके अलावा, तृतीय अमृत स्नान पर्व के लिए दो कंपनी आरएएफ और तीन कंपनी पीएसी का अतिरिक्त प्रबंध किया गया है।

मेला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में पुलिस बल को भीड़ नियंत्रण पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है। वहीं, लखनऊ से आए प्रशासनिक अधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी और आशीष गोयल अपने पिछले अनुभवों को साझा कर मेला प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं। पिछले कुंभ (2019) में गोस्वामी प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष थे, जबकि गोयल उस समय प्रयागराज के मंडलायुक्त थे।

बसंत पंचमी स्नान पर्व के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़नी शुरू हो गई है और रविवार को शाम आठ बजे तक 1.29 करोड़ लोग गंगा और संगम में डुबकी लगा चुके हैं। वहीं, 13 जनवरी से अब तक कुल 34.90 करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगा स्नान कर चुके हैं।

इस बीच, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि मान्यता है कि प्रयागराज के पांच कोस को संगम कहा जाता है। इसलिए श्रद्धालुओं को फाफामऊ से लेकर अरैल तक कहीं पर भी स्नान करने पर महाकुंभ का पुण्य प्राप्त होता है।

उन्होंने कहा, “संगम क्षेत्र का सीमित क्षेत्रफल है। इसलिए सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि संगम क्षेत्र में अनावश्यक भीड़ ना बढ़ाएं।”

आगामी पांच फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का महाकुंभ नगर आना प्रस्तावित है। इसको देखते हुए अगले कुछ दिन मेला प्रशासन और पुलिस के लिए चुनौतियों से भरे हैं।

उल्लेखनीय है कि मौनी अमावस्या पर संगम नोज पर अत्यधिक भीड़ में भगदड़ मचने से 30 लोगों की मृत्यु हो गई थी और 60 लोग घायल हो गए थे।

भाषा राजेंद्र शफीक

शफीक



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