पटना, 22 मार्च (भाषा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने शनिवार को दावा किया कि जनता दल (यूनाइटेड) प्रमुख नीतीश कुमार के ‘‘सार्वजनिक बयान और आचरण’’ इस बात को साबित करते हैं वह बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में ‘‘अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की स्थिति में नहीं हैं’’।
भाकपा (माले) के महासचिव ने कुमार की स्थिति पर ‘‘चुप्पी’’ के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने ओडिशा में नवीन पटनायक की ‘‘अनिश्चित स्वास्थ्य स्थितियों’’ को ‘‘एक बड़ा मुद्दा’’ बना दिया था, यहां तक की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उनके बारे में बयानबाजी की थी।
दीपांकर ने कहा, ‘‘बिहार के स्थापना की 113वीं वर्षगांठ 22 मार्च 2025 को है। बिहार दिवस 2025 से पहले, एक सार्वजनिक समारोह के दौरान मुख्यमंत्री का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें उनका आचरण हैरान करने वाला है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रगान बज रहा है, जबकि मुख्यमंत्री इस बात से बेपरवाह और बेखबर नजर आ रहे हैं कि क्या हो रहा है। मुख्यमंत्री के सार्वजनिक बयान और आचरण से यह स्पष्ट होता है कि वह अब मुख्यमंत्री के पद के साथ आने वाली जिम्मेदारियों का निर्वहन करने की स्थिति में नहीं हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पास अब भी सरकार चलाने के लिए पर्याप्त संख्या बल है, लेकिन स्पष्ट रूप से मुख्यमंत्री आपे में नहीं हैं और उनके सहयोगी, लोगों को अंधेरे में रखना चाहते हैं। हमारे पास सरकार के नाम पर एक अपारदर्शी नौकरशाही व्यवस्था है जो बिहार को दिन-ब-दिन बढ़ती अनिश्चितता की स्थिति में धकेल रही है।’’
भट्टाचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री की स्थिति के बारे में कम से कम बिहार के लोगों को स्पष्टता चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा स्थिति मुख्यमंत्री और बिहार के लोगों दोनों के लिए स्पष्ट रूप से अनुचित है। ओडिशा में, भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की कथित गंभीर स्वास्थ्य स्थिति को एक बड़ा मुद्दा बनाया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने एक चुनावी भाषण में सार्वजनिक रूप से नवीन पटनायक की अनिश्चित स्वास्थ्य स्थितियों के पीछे किसी राजनीतिक साजिश का संकेत भी दिया था।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘बिहार में भाजपा चुप है और भाजपा तथा जद(यू) के वरिष्ठ नेता मुख्यमंत्री की स्वास्थ्य स्थितियों के बारे में सवाल पूछने के लिए विपक्ष को दोषी ठहराते हैं। एक समय था जब नीतीश कुमार सुशासन का नारा देते थे और राज्य में बेहतर कानून-व्यवस्था का श्रेय लेते थे। आज सत्ता चरमरा रही है।’’
भाषा खारी रंजन
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