(मुनीश शेखावत)
क्लेरमोंट-फेरां (फ्रांस), 30 मार्च (भाषा) फ्रांस की टायर विनिर्माता कंपनी मिशेलिन इस साल अपने चेन्नई संयंत्र से स्थानीय स्तर पर उत्पादित यात्री वाहन टायर पेश करने की योजना बना रही है। कंपनी के एक वरिष्ठ कार्यकारी ने यह जानकारी दी।
इसके अलावा कंपनी की विभिन्न क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को बढ़ाने की भी योजना है।
क्लेरमोंट-फेरां स्थित समूह के दुनियाभर में 86 टायर विनिर्माण कारखाने हैं। चेन्नई स्थित अपने संयंत्र में यात्री वाहन टायर के लिए विनिर्माण क्षमता स्थापित करने को कंपनी 564 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है।
कंपनी के समूह कार्यकारी समिति के सदस्य और कार्यकारी उपाध्यक्ष-विनिर्माण पियरे-लुइस डबॉरड्यू ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, ‘‘हम ऐसा उत्पाद लाना चाहते हैं जिसकी भारतीय बाजार को जरूरत है। यह हमारी पहली प्रतिबद्धता है।’’
उन्होंने कहा कि समूह सबसे पहले स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) सहित बड़े आकार के वाहनों को लक्षित करेगा। इसके जरिये वह अपनी प्रौद्योगिकी रूप से अद्यतन उत्पाद क्षमता का प्रदर्शन करेगा।
डबॉरड्यू ने कहा, ‘‘इस साल पहला टायर आने की उम्मीद है। इसलिए हम धीरे-धीरे पोर्टफोलियो को बढ़ाएंगे क्योंकि एक उत्पाद बाजार की जरूरतों को पूरा नहीं कर सकता।’’
उन्होंने कहा कि कंपनी भारतीय सड़क की परिस्थितियों के अनुकूल उत्पाद पेश करेगी। ‘‘हम बाजार की विकास क्षमता को लेकर बहुत उत्साहित हैं..हमारा उद्देश्य बाजार के उस हिस्से को लक्षित करना है जहां उपभोक्ता मिशेलिन के उत्पाद को महत्व देते हैं। इसलिए हम संभवतः ऊंची सीट वाली एसयूवी पर ध्यान दे रहे हैं।’’
डबॉरड्यू ने कहा कि कंपनी कुछ टायर का आयात जारी रखेगी क्योंकि एक ही स्थान पर सभी प्रकार के टायरों का निर्माण संभव नहीं है। ‘‘सभी उत्पादों को एक ही संयंत्र में बनाना मुश्किल है। यह तकनीकी रूप से बहुत कठिन है।’’
हालांकि, उन्होंने कहा कि टायर निर्माता देश में विभिन्न ग्राहक खंडों की जरूरतों को पूरा करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि जब तक कंपनी अत्यधिक उन्नत कच्चे माल की स्थानीय सोर्सिंग स्थापित करने में सक्षम नहीं हो जाती, तब तक उसे ऐसी सामग्रियों के लिए आयात का रास्ता अपनाना होगा। स्थानीय विनिर्माण से कंपनी को भारत में परिचालन बढ़ाने में मदद मिलेगी, जो 2020 में सरकार द्वारा आयात अंकुश लगाने के बाद से सुस्त बना हुआ है।
मिशेलिन भारत में सिर्फ प्रीमियम बड़े आकार के यात्री वाहन टायर सीमित मात्रा में बेचती है। सरकार ने 2020 में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए मोटर कार, बस, लॉरी और मोटरसाइकिल में इस्तेमाल होने वाले कुछ नए न्यूमैटिक टायर के आयात पर अंकुश लगा दिए थे।
भाषा अजय अजय
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