मालदीव के रक्षा मंत्री से मुलाकात के बाद राजनाथ ने कहा, चर्चा से हमारे संबंधों में ‘नया उत्साह’ आएगा

Ankit
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(फोटो सहित)


नयी दिल्ली, आठ जनवरी (भाषा) भारत ने बुधवार को मालदीव को बताया कि वह उसकी रक्षा तैयारियों को बढ़ाने में सहयोग देने के लिए तैयार है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समुद्री सुरक्षा सहयोग पर केंद्रित व्यापक वार्ता के लिए मालदीव के अपने समकक्ष मोहम्मद घासन मौमून की मेजबानी की।

सिंह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि चर्चा से भारत-मालदीव संबंधों में ‘‘नया उत्साह’’ आएगा।

रक्षा मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, बैठक में दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने भारत-मालदीव व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के लिए संयुक्त दृष्टिकोण को साकार करने में मिलकर काम करने की अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई।

मौमून भारत की तीन-दिवसीय यात्रा पर हैं। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की मांग पर भारत द्वारा अपने सैन्यकर्मियों को मालदीव से वापस बुलाए जाने के करीब आठ माह बाद इस द्वीपीय देश के रक्षा मंत्री यहां के दौरे पर आए हैं। चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू के कदमों के बाद भारत-मालदीव के संबंधों में तनाव पैदा हो गया था। हालांकि, अक्टूबर में मुइज्जू की दिल्ली यात्रा के बाद संबंधों में कुछ नरमी आई।

रक्षा मंत्रालय ने बयान में कहा कि मौमून ने मालदीव के लिए मदद में अग्रणी रहने को लेकर भारत की ऐतिहासिक भूमिका की सराहना की। उन्होंने रक्षा एवं सुरक्षा कर्मियों के प्रशिक्षण एवं आधुनिक अवसंरचना क्षमताओं को बढ़ाने में मालदीव की सहायता के लिए भारत को धन्यवाद दिया।

बयान में कहा गया, ‘‘मालदीव सरकार के अनुरोध पर भारत ने मालदीव को रक्षा उपकरण मुहैया कराये।’’

सिंह ने अपने पोस्ट में मौमून के साथ अपनी बातचीत को ‘‘सार्थक’’ बताया। उन्होंने कहा, ‘‘रक्षा सहयोग को मजबूत करने से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की गई, जिससे मालदीव के राष्ट्रीय रक्षा बलों की क्षमता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। आज की चर्चा से भारत-मालदीव संबंधों में नयी मजबूती आएगी।’’

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सिंह और मौमून ने द्विपक्षीय रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं की व्यापक समीक्षा की।

बयान में कहा गया, ‘‘बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने भारत-मालदीव व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के संयुक्त दृष्टिकोण को साकार करने के लिए मिलकर काम करने की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई।’’

बयान के मुताबिक, सिंह ने कहा कि मालदीव को रक्षा तैयारियों के लिए क्षमता वृद्धि में सहयोग देने के लिए भारत तैयार है। इसमें मालदीव की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुसार और भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति एवं ‘सागर’ दृष्टिकोण के अनुरूप उसकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए रक्षा प्लेटफॉर्म और परिसंपत्तियों का प्रावधान शामिल है।

‘सागर’ दृष्टिकोण का आशय क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास से है।

मंत्रालय ने कहा कि मौमून की यात्रा ने दोनों देशों और हिंद महासागर क्षेत्र के पारस्परिक लाभ के लिए द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा संबंधों को और गहरा करने का अवसर प्रदान किया है। मालदीव के रक्षा मंत्री गोवा और मुंबई भी जाएंगे।

मौमून की यह यात्रा मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील की भारत यात्रा और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ व्यापक वार्ता के कुछ दिनों बाद हो रही है।

भाषा आशीष पवनेश

पवनेश



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